आज की स्वस्थ बालिका कल की जननी: डॉ उपासना अरोड़ा

यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर फेसबुक लाइव कार्यक्रम में बालिकाओं को किया जागरूक

गाजियाबाद। आज की स्वस्थ्य बालिका कल की जननी है। देश व समाज के विकास की जिम्मेदारी उसके कंधों पर है। जिस तरह शिक्षा उसका अधिकार है, ठीक उसी तरह अच्छा स्वास्थ्य उसकी जरूरत। ऐसे में यदि बालिका आज ही तन और मन से कमजोर होगी, तो बेहतर राष्ट्र के निर्माण का स्तंभ कैसे बन पाएगी। उसमें साहस और विश्वास भरने के साथ ही शारीरिक और मानसिक रूप से उसे सशक्त बनाने की प्रबल आवश्यकता है। यह बातें सोमवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी में फेसबुक लाइव कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं को जागरूक करते हुए डायरेक्टर डॉ उपासना अरोड़ा ने कहीं। उन्होंने कहा शिक्षकों व अभिभावकों की मुख्य जिम्मेदारी है कि बालिकाओं को उन्नत होने के लिए समान अवसर प्रदान कराएं, ताकि वे सक्षम और आत्मनिर्भर बन सके।

हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ उपासना अरोड़ा ने बालिकाओं को सम्बोधित किया और उनके सवालों का भी जवाब देते हुए कहा कि इस दिन को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की जरूरत इसलिए पड़ी। क्योंकि बच्चियों को अभिशाप माना जाता था, कोख में ही उनकी ह्त्या कर दी जाती थी। सन 1994 में भ्रूण में लिंग की जांच को अपराध मान कर इस पर पर कानून बना और उसके बाद से ही लगातार लिंगानुपात में लड़कियों की संख्या बढ़ी हुई पा रहे हैं। जो नवंबर 2021 में 1000 लड़को पर 1020 लडकियां तक भी चली गयी है। सरकार द्वारा 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सेल्फी विथ योर डॉटर एवं बच्चियों पर केंद्रित विभिन्न योजनाओं से बच्चियों की दशा समाज में सुधरी है। पर अभी भी बहुत काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने बच्चियों के सुपोषण एवं स्वास्थ्य पर विशेष जोर देने की बात कही। एक स्वस्थ बालिका ही भविष्य की स्वस्थ जननी है। ऐसे में जब वो स्वयं स्वस्थ रहेगी तो स्वस्थ बच्चों को जन्म देगी और ऐसे में पूरा समाज एक स्वस्थ समाज बन सकेगा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बालिकाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुपोषण पर बहुत कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2008 से प्रारम्भ हुए इस दिवस को आज भारत में 14वां राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में 2022 में मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है