कोरोना काल में जनता की अनदेखी अतुल गर्ग को पड़ रही भारी

गाजियाबाद। गाजियाबाद शहर सीट पर भाजपा का खेल बिगड़ने की प्रबल संभावना है। बागी उम्मीदवारों के कारण भाजपा प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। गाजियाबाद सीट पर भाजपा के खिलाफ सबसे ज्यादा 4 बागी मैदान में हैं। बागियों का इरादा भी भाजपा प्रत्याशी की जीत की राह को कठिन बनाना है। पार्टी बेशक अभी आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है, मगर 10 मार्च को नतीजे चौंकाने वाले आ सकते हैं। गाजियाबाद शहर सीट से भाजपा ने अतुल गर्ग को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है।

वह मौजूदा विधायक होने के साथ-साथ योगी सरकार में राज्य मंत्री भी हैं। अतुल गर्ग को पुन: टिकट दिए जाने के भाजपा के फैसले पर सवाल उठाए गए थे। इसके चलते 4 पदाधिकारियों ने पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। इनमें सबसे ऊपर के.के. शुक्ला का नाम है। भाजपा छोड़कर वह बसपा में चले गए। बसपा ने उन्हें टिकट भी दिया है। इसके अलावा आशुतोष गुप्ता, पिंटू सिंह व रानी देवश्री ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक रखी है। बागी उम्मीदवार अपने लिए जनसमर्थन जुटाने के साथ-साथ भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग के खिलाफ भी माहौल पैदा करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं।

कोरोना संक्रमण काल में अतुल गर्ग पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री का जिम्मा था। इसके बावजूद वह गाजियाबाद की जनता के हित में बेहतर परफॉरमेंस का प्रदर्शन नहीं कर पाए। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गाजियाबाद शहर में कई दिनों तक कोहराम मचा रहा था। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और निजी अस्पतालों की मनमानी खुलकर सामने आई थी। कई मरीजों ने समय से उपचार न मिलने पर दम तोड़ दिया था। जबकि निजी अस्पताल उपचार के नाम पर मनमानी वसूली करते रहे। ऐसे समय में जब मंत्री जी की जरूरत जनता को सबसे ज्यादा थी, तब वह होम क्वारंटाइन के नाम पर कई दिनों तक अपने घर में दुबके रहे थे।

जिसे लेकर कुछ दिन पहले पांडव नगर में प्रचार करने पहुंचे मंत्री जी को जन-विरोध का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा चौपला मंदिर पर आयोजित व्यापारियों की बैठक में भी भाजपा प्रत्याशी के प्रति रोष देखने को मिला था। ऐसे में गर्ग के प्रतिनिधि ने व्यापारियों से हाथ जोड़कर अतुल गर्ग के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी।

नाम न छापने की शर्त पर एक व्यापारी ने कहा कि कोरोना काल में व्यापारियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था, मगर उस समय मंत्री अतुल गर्ग की तरफ से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाई थी। आज जब चुनाव हैं तो वह व्यापारियों के बीच आकर सफाई देकर वोट मांग रहे हैं।