COPD से बचने के लिए वायु प्रदूषण एवं धूम्रपान से बंचे: अमृत गोयल

-वर्ल्ड COPD डे पर लोगों को किया जागरूक, कैंप का आयोजन

गाजियाबाद। ध्रूमपान और प्रदूषण से बचकर ही COPD बीमारी को बढऩे से रोका जा सकता है। इसके साथ ही दिनचर्या में भी बदलाव लाना होगा। दैनिक जीवन मे अति व्यस्तता के बावजूद भी अपने दिनचर्या में बदलाव लाकर सीओपीडी बीमारी से बचा जा सकता है। COPD फेफड़े का एक ऐसा रोग है जिसे रोका जा सकता है। यह सबसे ज्यादा धुएं से फैलता है। जिसमें चिमनी के धुएं, भट्टा से निकलने वाले धुएं, घर मे चूल्हे में खाना बनाते समय निकलने वाले धुएं आदि से फैलता है। COPD का सबसे सामान्य कारण तंबाकू का धुआं है। सिगरेट पीना सबसे ज्यादा हानिकारक है। यह बातें बुधवार को वंसुधरा स्थित ले क्रेस्ट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आयोजित गोष्ठी के दौरान वरिष्ठ पलमोनोलॉजिस्ट व क्रिटिकल केयर डॉक्टर अमृत गोयल ने कहीं। उन्होंने कहा सिगरेट का धुंआ इतना खतरनाक होता है कि सिगरेट पीने वालों के साथ यह दूसरे को भी प्रभावित करता है। COPD बिमारी से पहले 40 वर्ष या फिर उससे अधिक उम्र के लोगों में होती थी। मगर अब इस असर कम उम्र के बच्चे एवं युवाओं पर भी हो रहा है। जिससे फेफड़ो में पस पडऩा या कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिये इसका वक्त पर इलाज जरूरी है।

प्रदूषण से हर वर्ष हो रही लाखों मौत
वरिष्ठ पलमोनोलॉजिस्ट व क्रिटिकल केयर डॉक्टर सुशील उपाध्याय ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल प्रदूषण के कारण 4.2 लाख लोगों की मौत होती है। साथ ही धुम्रपान के सेवन से 5 में से व्यक्ति की मृत्यु सम्भवाना होती है। अपने फेफड़ो को सुरक्षित रखने के लिए धुम्रपान व टॉक्सिक पदार्थों का सेवन ना करें। नियमित सांस प्रक्रिया को व्यायाम में शामिल करें। घर से बाहर निकलने पर नं. 95 मास्क का प्रयोग करें, और संक्रमित होने से बचें। स्वास्थ्य की जांच कराने के साथ डॉक्टरों की भी सलाह लेते रहे।

सीओपीडी के लक्षण
संस्था के चेयरमैन व वरिष्ठ फिजिशियन डॉ0 संजय गर्ग ने बताया कि COPD के लक्षण जैसे सांस लेने में परेशानी होना, गहरी सांस लेना, कफ, खांसी, जुकाम, सीने में जकडऩ, वजन कम होना, हार्ट की समस्याऐं, फेफड़ो का कैंसर, स्वाभाविक है। उन्होंने बताया ये लक्षण लम्बे समय तक चलते हैं और समय के साथ-साथ मरीज की हालत बिगड़ती रहती है। उन्होंने बताया कि ले क्रेस्ट अस्पताल सभी सांस संबंधी बिमारियों के इलाज के लिए पूरी तरह से विश्वस्तरीय उपकरण उपलब्ध है। साथ ही अनुभवी चिकित्सकों की उपस्थिति 24 घण्टे रहती है।

बिमारी से बचने के लिए लोगों में जागरूकता जरूरी
संस्था के वायिस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने बताया कि समाज की सेवा के लिए आगे भी इसी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य रोगी के रोग का इलाज करना है। हम प्रत्येक मौसम की बिमारी के हिसाब से समाज को जागरूक करते हुए इसी प्रकार के कार्यक्रम करते रहेगें। अस्पताल में प्रात: 11 बजे से 3 बजे तक नि:शुल्क ओपीडी कार्यरत है। जिसमें कि समाज के उन लोगो कि सेवा की जा रही है जो बड़े अस्पताल में अधिक शुल्क देकर परामर्श करने में असमर्थ है।

दुसरों के इलाज के साथ अपना भी ध्यान देना जरूरी
संस्था की को-चेयरमेन डॉ0 चारू गर्ग ने बताया है कि डॉ0 पूरी दुनिया का इलाज करते हैं परन्तु अपने उपर ध्यान नहीं देते है। इसलिए ले क्रस्ट अस्पताल ने इस वल्र्ड सीओपीडी डे के उपलक्ष्य पर कम दामों पर दूरबीन द्वारा फेफड़ो की जांच, इंडोब्रोनिसीयल विद एफएनएसी की जांच, पूरे फेंफड़े की जांच की जा रही है।

15 दिन तक निशुल्क जांच शिविर आयोजित
संस्था के एक्जीक्यूटिव चेयरमेन दीपक गुप्ता ने बताया कि वर्ल्ड COPD डे के उपलक्ष्य में सभी चिकित्सकों का फेफड़ों से सम्बन्धित जांच 15 दिनों तक बिना किसी शुल्क की जा रही है। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 संदीपन कुमार व सह-चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 विवेक गर्ग शामिल थे। वर्ल्ड COPD कैप का आयोजन सेव द लंग्स जागरूक के द्वारा राजेन्द्र कुकरेती, बिजनेस प्रमुख की देख-रेख में किया जा रहा है।