गोवंशों का गौशालाओं में बेहतर तरीके से हो संरक्षण : अदिति सिंह

गोवंश संरक्षण नोडल अधिकारी ने किया वृहद गौ संरक्षण केन्द्र का निरीक्षण

गाजियाबाद। जिले में संचालित गौशाला में गोवंशों का बेहतर तरीके से संरक्षण कराने के साथ हरा चारा व भूसे के पुख्ता प्रबंध होने चाहिए। गुरूवार को जिले की नोडल अधिकारी गोवंश संरक्षण समिति एवं अपर आयुक्त वाणिज्यकर विभाग गौतमबुद्धनगर अदिति सिंह ने निरीक्षण के दौरान यह बातें कहीं।
नोडल अधिकारी आज यानी कि शुक्रवार तक जनपद में तीन दिवसीय दौरे पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप शासन द्वारा इन्हें जनपद का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। नोडल अधिकारी अदिति सिंह ने संयुक्त निदेशक प्रतीक्षारत निदेशालय अनिल कुमार कुशवाहा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. महेश कुमार, एसडीएम मोदीनगर शुभांगी शुक्ला, एसडीएम सदर विनय सिंह, नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अनुज सिंह, खंड विकास अधिकारी भोजपुर आदि के साथ स्थाई गौ आश्रय स्थल, नंदग्राम स्थित नंदी पार्क  गौशाला पहुंचकर निराश्रित गोवंशों के संरक्षण की स्थिति का मौके पर जायजा लिया। इसके बाद विकास खंड भोजपुर में संचालित वृहद गौ संरक्षण केंद्र का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान नंदी पार्क गौशाला में 259 गोवंश संरक्षित पाए गए। आश्रय केंद्र से 42 गोवंश को पशुपालकों को सुपुर्द किया गया। केंद्र पर  भूसा भंडारण क्षमता 300 क्विंटल है। मौके पर 20 क्विंटल भूसा एवं 45 कुंतल जई व दो कुंतल दाना उपलब्ध पाया गया। यहां पर बॉयो गैस प्लांट आगामी 10 दिवस में क्रियाशील हो जाएगा। संरक्षित सभी पशुओं का टीकाकरण पशुपालन विभाग द्वारा कराया जा चुका हैं। गोवंश स्वस्थ पाए गए। निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी अदिति सिंह ने मौके पर खंड विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि 10 दिन में बायो गैस प्लांट क्रियाशील कराना सुनिश्चित करें। टीन शेड के पास गोवंश के लिए दो पानी की नाद तैयार कराए। वहीं,बीमार गोवंश को स्वस्थ्य गोवंश से अलग रखा जाए। गौ आश्रय केंद्र की बाउंड्रीवाल कराया जाना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान अन्य व्यवस्था संतोषजनक मिली।

बैठक में की गोवंशों की समीक्षा:

जिले की नोडल अधिकारी अदिति सिंह ने कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में गोवंशों की समीक्षा को लेकर बैठक की। उन्होंने जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, एसडीएम सदर विनय सिंह, एसडीएम मोदीनगर शुभांगी शुक्ला,एसडीएम लोनी शुभांगी अग्रवाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.महेश कुमार, जिला विकास अधिकारी उदेयराज यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी प्रदीप द्धिवेदी, जिला उद्यान अधिकारी निधि, एजीएम नाबार्ड एवं बीडीओ आदि अधिकारियों के साथ मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समीक्षा बैठक कर गौवंश संरक्षण की समीक्षा की। मुख्यमंत्री निराश्रित,बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना, वृहद गो संरक्षण केंद्र क्रियाशील, केटल कैचर, गोवंश भरण पोषण की धनराशि के संबंध में बैठक करते हुए दिशा-निर्देश दिए। बैठक में नोडल अधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार पशु संवर्धन एवं संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ प्रयासरत है। गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश का संरक्षण करते हुए उनके चारे-भूसे के लिए भी आवश्यक प्रबंध किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि गौशाला से संबंधित सभी अभिलेख गौशाला में ही रखे जाएं। इन्हें इधर-उधर न रखे। उन्होंने कड़े निर्देश दिए कि निराश्रित गोवंश खेत,सड़क आदि स्थानों पर आवारा घूमते नजर नहीं आने चाहिए।

निराश्रित हर एक गोवंश का आश्रय व भरण-पोषण का प्रबंध रखना सुनिश्चित किया जाए। गौशालाओं का संचालन बेहतर तरीके से कार्य योजना बनाकर किया जाए। गौशालाओं में गोवंश रखे जाएं। गौशालाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में विशेष ध्यान देते हुए भूसे का स्टोर किया जाए। वहीं, चारागाह की जमीनों पर हरा चारा उगाया जाए। जनपद में निराश्रित गोवंश के लिए विशेष नवाचार किया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।अगर लापरवाही सामने आई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी समस्या आती है तो उसका निदान किया जाए। गौशाला का रिकॉर्ड नियमित मेंटेन किया जाए। जनपद के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में कोई भी गोवंश निराश्रित न होने पाए। नोडल अधिकारी ने निर्देशित किया कि सुपुर्द किए गए गोवंशों का रोस्टर बनाकर इनका संबंधित एसडीएम से सत्यापन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक गौ आश्रय केंद्र पर निरीक्षण करते हुए रोस्टर तैयार कर लिया जाए। ग्रीष्म ऋतु से बचाव के लिए गौशाला में पर्याप्त टीन शेड की व्यवस्था एवं साफ व ताजा पानी की व्यवस्था की जाए। गौ आश्रय केेंद्रों पर ड्रेनेज की व्यवस्था समुचित करा ली जाए। ब्लॉक एवं तहसील स्तर पर मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित कराया जाना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।