नेहरु वर्ल्ड स्कूल में पद्मश्री शोवना नारायण की प्रस्तुति ने बांधा शमा

-नेहरु वर्ल्ड स्कूल में विश्व नत्य दिवस के अवसर पर स्पिक मैके कार्यक्रम का आयोजन

गाजियाबाद। शास्त्री नगर स्थित नेहरू वर्ल्ड स्कूल में सोमवार को विश्व नृत्य दिवस के अवसर पर स्पिक मैके कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। जिसमें दुनिया की जानी मानी व देश की प्रमुख कथक कलाकार पद्मश्री शोवना नारायण जो ने शिरकत की। शोवना नारायण का नाम कथक के साथ जुड़ा है, जो इस प्राचीन नृत्य कला के प्रमुख गुरु माने जाते हैं। भारतीय आध्यात्मिकता, शास्त्रीयता और कलात्मक उत्कृष्टता के क्षेत्र में उनका योगदान हैं, जिसके कारण उन्हें पद्मश्री पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

लगभग सात दशक तक चलने वाले उनके प्रतिष्ठित करियर में, शोवना नारायण ने अपनी कला के प्रदर्शन से विश्व भर के दर्शकों को मोहित किया है। उनके प्रदर्शनों को अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण महोत्सवों में अद्भुत वर्णन किया गया, जैसे कि कई राष्ट्रपतियों और सरकारों के समक्ष उन्होनें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। साथ ही, एक कथक कलाकार के रूप में, उनकी सामाजिक संवेदनशीलता ने उन्हें स्पेशल चिल्ड्रन और असहाय लोगों के साथ काम करते हुए एक प्रतिष्ठित स्थान पर विराजमान किया है। कार्यक्रम का आरम्भ नेहरू वर्ल्ड स्कूल की एग्जीक्यूटिव हेड सुसन होम्स व निदेशक डॉ अरुणाभ सिंह ने शाल पहनाकर व पुष्प देकर शोवना जी का स्वागत किया।

पद्मश्री शोवना जी उपस्थित दर्शकों व छात्रों को संगीत नृत्य शास्त्र, भाव, रस, मुद्रा जैसी बारीकियों से अवगत कराया। अपनी प्रस्तुति में उन्होनें विभिन्न पकार की नृत्य मुद्राओं, विभिन्न जानवरों की चाल, द्रौपदी चीर हरण, ठुमरी को छेड़छाड़ एवं तीन ताल लयकारी को प्रस्तुत किया। नेहरू वर्ल्ड स्कूल व उपस्थित दर्शकों के लिए अभूतपूर्व व अविस्मरणीय पल थे, जब साक्षात नृत्य शास्त्र उनकी आँखों के समक्ष उपस्थित था।

नेहरू वर्ल्ड स्कूल के निदेशक डॉ अरुणाभ सिंह ने कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त करते हुए पद्मश्री नृत्यांगना व उनके संगतकारों को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया व आमत्रण स्वीकार करने के लिए आभार व्यक्त किया। स्पिक मैके की संयोजिका आभा का विशेष आभार प्रकट किया। भविष्य में इस प्रकार के और भी कार्यक्रम, जो हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखे हुए है, को करने की इच्छा जताई ताकि आज के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में अपनी जड़ों से जुड़ा महसूस करे।