नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, पांच साल से फरार 20 हजार इनामी को क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोचा

गाजियाबाद। नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 50 लाख से अधिक ठगी मामले में 5 साल से फरार 20 हजार इनामी को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी अपने साथी के साथ मिलकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। जब नौकरी नहीं मिलने पर लोगों ने रुपये वापस मांगना शुरू किया तो फरार हो गए। जिसके बाद जगह बदलने के साथ-साथ अपनी पहचान छिपाकर रहने लगे।

एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया सोमवार को क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने लोहे के पुल के पास गंगनहर की पटरी मुरादनगर से मुकेश मिश्रा पुत्र सच्चिदानन्द उर्फ मुन्ना निवासी ग्राम अमोना लार जनपद देवरिया को गिरफ्तार किया है। जिसका एक साथी पूर्व में जेल जा चुका है। पकड़ा गया आरोपी पिछले पांच से मुरादनगर थाने से ठगी मामले में फरार चल रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए डीसीपी ग्रामीण द्वारा 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

मुकेश हाईस्कूल पास है, जो कि मूल रूप से देवरिया का रहने वाला है और बिल्डिंग में टीन की छत आदि लगाने का काम करता है। मुकेश और उसके गांव के राहुल मिश्रा पूर्व में मुरादनगर क्षेत्र में रहते थे। आमदनी ज्यादा न होने के कारण मुकेश और राहुल मिश्रा ने भोले भाले लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने लगे। धीरे-धीरे करके दोनों ने करीब 50 लाख रुपये कई लोगों से ऐंठ लिए। रुपये को मुकेश अपने बैंक के खाते में डलवाता रहता थ। बाद में उन रुपये को मुकेश और राहुल मिश्रा आपस में बराबर-बराबर बांट लेते थे।

कुछ समय बाद जब लोगों की नौकरी नहीं लगी तब उन लोगों ने उनसे पैसे वापस करने का दबाव डाला तो दोनो वहां से भाग गए। राहुल और मुकेश ने पीडि़त आदित्य पाण्डेय से भी धोखा-धड़ी कर 12 लाख 50 हजार रुपये लिए थे। मुरादनगर से भागने के बाद दोनों लोग जगह बदल बदलकर रहने लगे और पहचान छुपाकर दूसरी जगह काम करने लगे। मुकेश वर्ष 2019 से मुरादनगर थाने से ठगी मामले में फरार चल रहा था।