गाजियाबाद के विद्यालयों का बीएसए ने किया औचक निरीक्षण, 2 कर्मचारियों का काटा वेतन

निपुण बनाने के लक्ष्य पर बीएसए विनोद मिश्रा का ध्यान

गाजियाबाद। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) विनोद मिश्रा ने गुरुवार को चार विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। प्राथमिक विद्यालय के अलावा तीन कंपोजिट विद्यालयों में साफ-सफाई, पढ़ाई और मिड-डे-मिल व्यवस्था की जांच-पड़ताल की गई। बीएसए ने शिक्षकों को समय से विद्यालय आने और बगैर बताए अनुपस्थित न रहने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने साफ कहा कि यदि कोई शिक्षक डयूटी के प्रति निरंतर लापरवाही बरतता है तो वेतन कटौती के अलावा निलंबन की कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी। निरीक्षण के दौरान डयूटी से गैरहाजिर मिले अनुचर और अनुदेशिका का एक-एक दिन का वेतन काटने के निर्देश भी दिए गए। उधर, बीएसए के औचक निरीक्षण पर निकलने से अन्य विद्यालय के शिक्षकों में भी खलबली मची रही। अन्य विद्यालयों का स्टाफ इस बात को लेकर बेचैन है कि बीएसए कभी भी निरीक्षण पर आ सकते हैं।

केंद्र सरकार द्वारा संचालित निपुण अभियान के तहत गाजियाबाद को निपुण बनाने की दिशा में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद मिश्रा प्रयासरत हैं। इसके मद्देनजर वह शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के साथ-साथ शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी काम के प्रति जवाबदेह बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। इसके चलते बीएसए विनोद मिश्रा ने गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय श्याम पार्क साहिबाबाद और कंपोजिट विद्यालय करहैड़ा, नंदग्राम व लाजपत नगर का औचक निरीक्षण किया। सभी विद्यालयों में सफाई एवं शिक्षा व्यवस्था सुचारू पाई गई। उन्होंने मिड-डे-मिल वितरण की प्रक्रिया को भी देखा। कंपोजिट विद्यालय नंदग्राम में अनुचर योगेश कुमार व अनुदेशिका कविता गैर हाजिर पाए गए।

दोनों की अनुपस्थिति के संबंध में कोई उचित जानकारी नहीं मिल पाई। इससे नाराज होकर बीएसए मिश्रा ने अनुचर योगेश व अनुदेशिका कविता का एक-एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। साथ ही दोनों कर्मचारियों को डयूटी के प्रति लापरवाही न बरतने के संबंध में निर्देशित करने को कहा। औचक निरीक्षण के दौरान बीएसए ने शिक्षकों को समय से विद्यालय आने और बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई शिक्षक निरंतर लापरवाही बरत कर बगैर बताए डयूटी से गैरहाजिर रहता है तो वेतन में कटौती करने के अलावा निलंबन की कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।

अलबत्ता शिक्षकों को विद्यालय समय पर आने और बच्चों की पढ़ाई में दिलचस्पी दिखाने की आदत डाल लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निपुण अभियान के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। गाजियाबाद को निपुण बनाने के लिए शिक्षकों को भी हरसंभव सहयोग करने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए वह समय-समय पर आते रहेंगे।