परिषदीय स्कूलों के बच्चे भी अब बोलेंगे फर्राटेदार अंग्रेजी  

– 747 शिक्षक 94 हजार 890 छात्रों को अंग्रेजी में बनाएंगे निपुण: विनोद कुमार मिश्रा

गाजियाबाद। परिषदीय विद्यालयों के छात्र भी अब निजी स्कूलों की तरह अंग्रेजी भाषा में फर्राटेदार बात कर सकेंगे। अंग्रेजी भाषा की जरूरत के मद्देनजर बच्चों को हिंदी के साथ अंग्रेजी भाषा में भी निपुण बनाया जाएगा। उन्हें अंग्रेजी में लिखना और बातचीत का सलीका सिखाया जाएगा। जिसके लिए निपुण भारत मिशन के तहत शिक्षकों को भी मनोरंजक तरीके से अंग्रेजी पढ़ाने और सिखाने के गुर सिखाए गए हैं, ताकि बच्चे आसानी से सही उच्चारण के साथ अंग्रेजी सीखें। शीतकालीन सत्र के बाद स्कूल खुलने के बाद बच्चों को अंग्रेजी सिखाने पर जोर दिया जाएगा।

छात्रों को अंग्रेजी में निपुण बनाने के लिए परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को मनोरंजक तरीके से अंग्रेजी पढ़ाने की ट्रेनिंग दी गई है। ताकि बच्चे आसानी से सही उच्चारण के साथ अंग्रेजी लिख और पढ़ सकें। यह शिक्षक बच्चों को अंग्रेजी लिखने, पढ़ने और बोलने में दक्ष बनाएंगे। वर्तमान में स्थानीय भाषा के साथ अंग्रेजी भाषा का ज्ञान भी अनिवार्य हो गया है। परिषदीय विद्यालयों में हिंदी माध्यम में पढ़ाई होती है, जबकि दूसरे बोर्ड के विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होती है। ऐसे में परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को इसके लिए तैयार किया जा रहा है। काफी अभिभावक भी अपने बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में न पढ़ाने की मूल वजह अंग्रेजी को ही बताते हैं। मगर अब ऐसा नहीं होगा। सभी शिक्षकों को अलग-अलग बैच में विभाजित कर प्रत्येक खंड शिक्षा कार्यालय के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया था, जिसमें उन्हें विभिन्न गतिविधियों और ट्रिक्स के जरिए बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के बारे में बताया गया।

बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कुल 747 शिक्षकों को अंग्रेजी सिखाने का प्रशिक्षण दिया गया है। अब यही शिक्षक जनपद के 446 परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 94 हजार 890 छात्रों को अंग्रेजी में निपुण बनाने का काम करेंगे। सभी शिक्षकों को एक किट भी दी गई है। इसमें लेसन प्लान, रबर अल्फाबेट, आडियो डिवाइस, वर्ड चार्ट, रबर से बने साइट वर्ड, थीम चार्ट, प्रोग्रेस चार्ट आदि सामग्री रहेगी। साथ ही संपर्क स्मार्ट शाला एप की मदद से भी शिक्षक को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि बच्चों को खेल-खेल में आसानी से अंग्रेजी भाषा सिखाई जा सके। इसमें सिर्फ पुस्तक का इस्तेमाल नहीं होगा। इसकी मदद से बच्चों को अंग्रेजी सिखाने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र के बाद स्कूल खुलने पर अंग्रेजी की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। छात्रों को सरल भाषा में अंग्रेजी बोलने और लिखना सिखाने पर जोर दिया जाएगा।