विज्ञान प्रदर्शनी में गौतम स्कूल के बच्चों ने प्रस्तुत किया विकसित भारत का मॉडल

-गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वार्षिक प्रदर्शनी अभिव्यक्ति का आयोजन
-बाल वैज्ञानिक हमारे भविष्य के वैज्ञानिक: आशीष गौतम
-विज्ञान प्रदर्शनी एक अवसर, जहां छात्र- छात्राओं की क्षमता एवं दक्षता का होता है बेहतर मूल्यांकन: पूनम गौतम
-तकनीक का उचित प्रयोग कर संवार सकता है विद्यार्थी का जीवन: तनुजा

गाजियाबाद। प्रताप विहार स्थित गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शनिवार को वार्षिक प्रदर्शनी अभिव्यक्ति का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के मॉडल तैयार कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। कार्यक्रम का उद्घाटन स्कूल के निर्देशक आशीष गौतम, प्रधानाचार्या पूनम गौतम, उपप्रधानाचार्या तनुजा, एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। बच्चों ने स्मार्ट सिटी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सोलर सिटी विद सोलर कार, हाइड्रोलिक ब्रिज, फायर अलार्म, क्लीन सिटी व जल संचयन, मॉडल सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा, इसरो, पवन चक्की, कैंडिल मशीन, सीवर, सोलर बैटरी, वाटर सेविंग अलार्म, ड्रोन कैमरा, कम ऊर्जा व अधिक ऊर्जा देने वाला यंत्र, ग्लोबल वार्मिंग, सोलर सिस्टम, डे एंड नाईट वर्किंग माडल, एसिड रेन, स्टोन एज, स्मोक आबजबिंग मशीन, सर्कुलेटरी सिस्टम आदि माडलों का प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनी में राम मंदिर का मॉडल और उत्तराखंड के केदारनाथ के मॉडल के जरिए बच्चों ने सनातन परंपरा की महानता को प्रदर्शित किया। बच्चों ने मॉडल के माध्यम से संदेश दिया कि किस प्रकार हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं और किसी प्रकार हम जल की बर्बादी को जल संचयन के माध्यम से रोक सकते हैं। सोलर सिस्टम के माध्यम से हम सूर्य की रोशनी का किस प्रकार प्रयोग कर सकते हैं।

निदेशक आशीष गौतम ने कहा कि बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक मॉडल बनाया गया है। बाल वैज्ञानिक भविष्य के वैज्ञानिक हैं। बच्चों को निरंतर नई सोच के प्रति प्रेरित करने एवं अवसर प्रदान करने की जरूरत हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि किताबों में जो पढ़ते हैं उनको प्रैक्टिकल करके देखें। जिससे काफी ज्ञान बढ़ेगा। विज्ञान के सिद्धांतों को समझें, जिससे आपकी सोंच बदलेगी। बच्चों के प्रयासों को सराहते हुए उन्हें तथा बेहतर कराने वाले अध्यापकों को बधाई दी।
उन्होंने कहा धरती की उत्पत्ति के समय से ही विज्ञान एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में रहा है। कहा कि डॉक्टर अब्दुल कलाम ने विज्ञान के प्रति अपनी पूरी जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने एक से बढ़कर एक यंत्रों का आविष्कार किया, जिसके चलते वे मिसाइल मैन के नाम से जाने जाते हैं।

प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने कहा कि वर्तमान समय विज्ञान का समय है। इसके बिना जीवन संभव नहीं है। विज्ञान प्रदर्शनी एक अवसर है जहां छात्र- छात्राओं की क्षमता एवं दक्षता का बेहतर मूल्यांकन होता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में ज्ञान विज्ञान के प्रति अभिरुचि पैदा करना एवं अंधविश्वास से मुक्ति दिलाते हुए वैज्ञानिक चेतना का संचार करना है। इन बच्चों में ही भविष्य का वैज्ञानिक छिपा है। इस प्रकार की सामूहिक रूप से प्रदर्शनी लगाने से छात्रों में टीम भावना में कार्य करने की आदत पड़ती है। उन्होंने छात्र छात्राओं द्वारा बनाए गए प्रोजेक्टों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों द्वारा कुछ नया कर दिखाने के लिए इनकी कला को और निखारने की जरूरत है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चों में बेकार पड़ी वस्तुओं से नए सामान बनाने की कला आती है। जो कभी वक्त पड़ने पर जीविका के काम भी आ सकती है।

उपप्रधानाचार्या तनुजा ने कहा कि विज्ञान हमारे जीवन शैली को आसान बना दिया है। स्कूल में इस तरह के पहल बच्चों में वैज्ञानिक सोच, उत्साह और अनुसंधान की मानसिकता के दृष्टिकोण को विकसित करता है। विद्यालय के विकास के लिए हर पहलुओं पर प्रबंधन व शिक्षको द्वारा हमेशा ध्यान दिया जाता रहा है। ताकि बच्चों का सर्वागीण विकास हो सके। हमें विज्ञान की रोशनी में अपना जीवन बिताना चाहिए। बेकार के अंधविश्वास में पड़कर अपने भविष्य को खराब नहीं करना चाहिए। विज्ञान ही मानव जीवन को सरल व सुखमय बना सकता है। उन्होंने कहा बच्चों को निरंतर नई सोच के प्रति प्रेरित करने एवं अवसर प्रदान करने की जरूरत हैं। वर्तमान समय विज्ञान का समय है। इसके बिना जीवन संभव नहीं है।

एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने कहा विज्ञान प्रदर्शनी एक ऐसा मंच होता है जहाँ विज्ञान के विभिन्न विषयों से जुड़े उत्पादों, तकनीकों, अनुप्रयोगों, आविष्कारों और अन्य विषयों को प्रदर्शित किया जाता है। इसमें विभिन्न विषयों से जुड़े उत्पादों और तकनीकों के द्वारा लोगों को विज्ञान के बारे में जानकारी मिलती है। कार्यक्रम को सफल बनाने मे अध्यापकगण की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

 

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