शहर की फैक्ट्रियों को मिलेगा शोधित पानी

-म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी कर रकम जुटाने की कोशिश में नगर निगम

गाजियाबाद। नगर निगम ने 150 करोड़ रुपए का म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी कर रकम एकत्र करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके तहत शहर की 1700 फैक्ट्रियों को टर्सरी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से सीवर के पानी को शोधित कर उसे फैक्ट्रियों को आपूर्ति की जाएगी। नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि टर्सरी एसटीपी का निर्माण शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा। म्यूनिसिपल बॉन्ड से फंड जुटाने को फैक्ट्रियों को शोधित पानी की आपूर्ति पर फोकस है। इसके लिए कंसलटेंट कंपनी की तरफ से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) सौंपी जा चुकी है। कंपनी की ओर से अब इसके लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। एसटीपी से सीवरेज के पानी को शोधित कर शहर के 1700 उद्योगों में पानी की आपूर्ति की जाएगी। साहिबाबाद साईट-4औद्योगिक क्षेत्र में 1700 उद्योगों ने इस पानी को लेने के लिए निगम को सहमति दे दी हैं। नगर निगम अगले माह अब जुलाई से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर योजना पर काम शुरू करने की तैयारी कर रहा है। नगर निगम ने बीते साल गुजरात की कंसलटेंट कंपनी ग्रीन डिजाइन इंजीनियरिंग सर्विसेज से सीवरेज को शोधित कर पानी उद्योगों में सप्लाई करने की योजना की डीपीआर तैयार कराई थी। मार्च में नगर निगम अधिकारियों ने ग्रीन म्युनिसिपल बांड जारी कर बाजार से 150 करोड़ रुपए जुटाए हैं। नगर निगम को यह धनराशि मिल चुकी है। नगर निगम के जलकल विभाग ने डीपीआर को संशोधित व अपडेट कराया है। गुजरात की फर्म ने इसकी डीपीआर अब नगर निगम को सौंप दी है। कंसलटेंट फर्म अब जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगी। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस योजना का काम पूरा कराने की प्रक्रिया नगर निगम का जलकल विभाग पूरा कराएगा। जलकल के महाप्रबंधक योगेश श्रीवास्तव ने बताया कि सीवरेज का गंदा पानी शोधित कर उद्योगों को पानी देने की योजना की संशोधित डीपीआर मिल गई हैं। इस योजना को जल्द लागू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। तीन साल में यह योजना पूरी हो जाएगी और उद्योगों को पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। इससे भूजल दोहन पर भी अंकुश लगेगा और नगर निगम को आमदनी भी होगी। नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम द्वारा शहर के सीवरेज को इंदिरापुरम में बनने वाले टर्सरी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। सीवरेज को टर्सरी यानी तीन बार शोधित किया जाएगा। इसके बाद इस पानी में ऑक्सीजन लेवल 5 से 6 मिली लीटर तक पहुंच जाएगा। वहीं टीडीएस की मात्रा 400 से 500 के बीच लाई जाएगी। पानी का रंग भी साफ हो जाएगा। इसके बाद इस पानी को वितरण पाइप लाइन के जरिए उद्योगों में सप्लाई किया जाएगा। इस पानी की एवज में नगर निगम निर्धारित शुल्क लेगा। पानी के शुल्क पर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है। इसकी दरें 60 से 70 रुपए प्रति किलोलीटर रखी जा सकती हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि सीवरेज शोधित कर पानी की आपूर्ति करने के लिए इस योजना पर 239 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें से 150 करोड़ रुपए का म्यूनिसिपल बॉन्ड के जरिए जुटाए हैं। जबकि 89 करोड़ रुपए अपने संसाधनों पर खर्च किया जाएगा। इसमेंं अवस्थापना विकास निधि का फंड इस्तेमाल किया जा सकता हैं। इस योजना के तहत इंदिरापुरम में नगर निगम द्वारा 40 एमएलडी का टर्सरी सीवरेज ट्रीटमेंंट प्लांट बनाया जाएगा। वहीं,4 एमएलडी क्षमता का रिजर्व वॉयर बनाया जाएगा। जबकि 2.4 एमएलडी क्षमता का ओवर हेड टैंक और 88 किलोमीटर लंबी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछाई जाएगी। जबकि 7 किलो मीटर लंबाई में राइजिंग मेन लाइन को बिछाया जाएगा।