हाउस टैक्स के मामले में जनता को नहीं रास आ रही राजनीति

-टैक्स बढ़ोतरी के विरोध में कांग्रेस पार्षद ने मुंडवाया सिर, बढ़ा हुआ टैक्स जमा करवाने निगम कार्यालय पहुंचे लोग
-नगर निगम में दो दिन में जमा हुआ एक करोड़ 40 लाख, लोग बोले मामूली है बढ़ोतरी, बढ़ा हुआ टैक्स देने में नहीं है कोई एतराज

गाजियाबाद। हाउस टैक्स को लेकर पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। लेकिन आम शहरवासी को इस राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। राजनीतिक घमासान इतना है कि कांग्रेस के पार्षद ने मुंडन तक करा लिया। कई विपक्षी पार्षदों ने टैक्स बढ़ोतरी की  निंदा की और उसके खिलाफ जन आंदोलन चलाने की बात कह रहे हैं। वही आम शहरवासियों का इन राजनीतिक गतिविधियों से कोई लेना देना नहीं है। लोगों का कहना है की टैक्स बढ़ोतरी बेहद मामूली है। ऐसे में जन सुविधाएं बढ़ने पर बढ़ा हुआ टैक्स देने में उन्हें कोई एतराज नहीं है।लॉकडाउन खत्म होने के साथ ही काफी संख्या में लोग टैक्स जमा कराने के लिए नगर निगम कार्यालय पहुंचने लगे हैं। राजनैतिक दलों द्वारा टैक्स नहीं जमा करने की अपील के विपरीत आम शहरवासी ना सिर्फ नगर निगम कार्यालय आकर टैक्स जमा करा रहे हैं, बल्कि ऑनलाइन भी खूब टैक्स जमा कर रहे हैं।

नगर निगम के जोनल कार्यालयों में भी टैक्स जमा करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं और हाउस टैक्स काउंटर पर लोगों की लाइन भी देखने को मिल रही है। निगम अधिकारियों का कहना है कि लोगों को अधिक से अधिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हाउस टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिससे कि कोरोना काल में उन्हें निगम कार्यालय ना आना पड़े। निगम कार्यालय में भी इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि लोगों को टैक्स जमा करने के लिए अधिक देर तक लाइन में ना खड़ा होना पड़े और सभी काउंटरों पर सोशल डिस्टेंसिंग सही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हो।

पिछले 2 दिन में नगर निगम में लगभग एक करोड़ 40 लाख के करीब हाउस टैक्स जमा हुए हैं, वसुंधरा जोन में करीब 80 लाख, मोहन नगर जोन में करीब 13 लाख, कविनगर जोन में करीब 22 लाख और सिटी जोन में करीब 10 लाख एवं विजय नगर जोन में करीब 10 लाख रुपए जमा हुए हैं। नगर निगम कार्यालय में हाउस टैक्स जमा करने आए लोगों से जब टैक्स में बढ़ोतरी के बाबत बात की गई तो लोगों का यही कहना था कि 15 फीसद की बढ़ोतरी ज्यादा नहीं है। लेकिन निगम को टैक्स बढ़ाने के बाद सुविधाएं भी बढ़ानी चाहिए।
विदित हो कि पिछले 3 वर्षों से नगर निगम में किसी तरह की हाउस टैक्स की बढ़ोतरी नहीं हुई है। जबकि हाउस टैक्स बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव सर्वसम्मति से और सभी राजनीतिक दलों की सहमति से पास हुआ था। बीते कुछ बरसों से नगर निगम द्वारा शहर की साफ सफाई, सौंदर्यीकरण और विकास कार्यों को लेकर काफी काम किया गया है। साफ सफाई एवं स्वच्छता के मामले में भी गाजियाबाद की स्थिति काफी सुधरी है। सीवर, सफाई, पेयजल आपूर्ति एवं सड़कों की स्थिति सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं उपलब्ध कराने में भी नगर निगम की छवि काफी अच्छी हुई है। हालांकि लोगों की शिकायतें भी है। लेकिन वह नगर निगम के कामकाज को पहले के मुकाबले काफी बेहतर मानते हैं।

क्या नगर निगम को हाउस टैक्स में बढ़ोतरी करनी चाहिए, इस सवाल के जवाब में राधा कुंज निवासी नवीन डोभाल ने बताया कि यह सत्य है कि पिछले कई वर्षों से हाउस टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में यदि टैक्स बढ़ोतरी होती है और सुविधाएं भी बढ़ती है तो लोगों को कोई एतराज नहीं है। डेल्टा कॉलोनी आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी पीके शर्मा बताते हैं कि 15 फिसदी के टैक्स बढ़ोतरी कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं है। नगर निगम लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराता है। समय के साथ हर चीजें महंगी भी होती है। ऐसे में 15 फिसदी टैक्स बढ़ोतरी को कोई ज्यादा बढ़ोतरी नहीं माना जा सकता है।

वसुंधरा निवासी सुमित शर्मा ने बताया कि उनका दो कमरे का फ्लैट है और इस वर्ष हाउस टैक्स में लगभग 300 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। 1 साल का हाउस टैक्स लगभग 3000 रुपए है। इसके बदले नगर निगम द्वारा पानी, सीवर, स्ट्रीट लाइट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे में उन्हें इस बढ़ोतरी से कोई एतराज नहीं है। हाउस टैक्स में बढ़ोतरी का विरोध करने वालों के भी अपने तर्क हैं। कांग्रेस पार्षद मनोज चौधरी का कहना है कि कोरोना संक्रमण में लोगों ने बेहद कठिन समय गुजारा है। ऐसे में नगर निगम को हाउस टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं करना चाहिए। मनोज चौधरी ने नगर निगम के हाउस टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ सिर मुंडा कर अपना विरोध जताया है और आंदोलन की चेतावनी दी है। बकौल मनोज चौधरी कुछ लोगों के लिए भले ही हाउस टैक्स में बढ़ोतरी की बात मामूली है लेकिन कोरोना संक्रमण से प्रभावित शहर वासियों के लिए यह एक चोट है। ऐसे में नगर निगम को हाउस टैक्स में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वापस लेना चाहिए और कम से कम इस साल तो किसी भी तरह का हाउस टैक्स नहीं बढ़ाना चाहिए। 

टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर निगम अधिकारी का तर्क


नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि टैक्स में मामूली बढ़ोतरी हुई है और लोगों ने इसे सहजता के साथ स्वीकार भी किया है। नगर निगम लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। लोग इससे खुश हैं। कोरोना संक्रमण में भी नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी लोगों की जरूरतों और जन सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद रहे। यही वजह है कि लोगों को टैक्स में हुए इस मामूली बढ़ोतरी से कोई एतराज नहीं है। इस बात का प्रमाण यह है कि पिछले 2 दिनों में ही लगभग डेढ़ करोड़ रुपए नगर निगम में जमा हुए हैं। लोगों को टैक्स जमा करने में परेशानी ना हो और उन्हें नगर निगम कार्यालय ना आना पड़े, इसलिए ऑनलाइन टैक्स भुगतान की भी सुविधा शुरू कर दी गई है। वसुंधरा जोन में लगभग 80 लाख का टैक्स जमा हुआ है।