कोरोना का विस्फोट, गाजियाबाद में 15 मरीजों की मौत

-एक हजार से ज्यादा मरीजों की पुष्टि, हालात बेकाबू

गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस और रोजाना हो रही मौत के चलते जिले में हालात नहीं सुधर पा रहे है। विकास भवन सभागार में बनाए गए इंटीगे्रटेड कोविड कमांड कंट्रोल रूम में दो नंबर खराब चल रहे है। वहीं,जिले के अधिकांश अधिकारी फोन नहीं उठा रहे है। कंट्रोल रूम की बनाई गई व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो रही है। लोगों की मदद नहीं होने की वजह से लोग दम तोड़ रहे है। अस्पतालों में जहां कोरोना संक्रमित मरीजों को बेड नहीं मिल रहे है,वहीं,ऑक्सीजन की भारी किल्लत होने के चलते हालात बदतर हो रहे है। जिले में मंगलवार को एक बार फिर रिकॉडतोड़ 1068 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई हैं। वहीं,15 लोगों की मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद पिछले एक हफ्ते में 50 से ज्यादा महिला-पुरूषों की मौत हो चुकी हैं। जिले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में होने और बेड की व्यवस्था किए जाने के दावे किए जा रहे है। मगर कोरोना संक्रमित होने के बाद मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे है। जिले में 42 कोविड अस्पताल बनाए गए है। इनमें आईसीयू बेड खाली है। मगर इनमें मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। कार्यवाहक जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन उठाने और बेड की उपलब्धता कराने के निर्देश दिए हैं। मगर कंट्रोल रूम में जहां फोन खराब है,वहीं,कोरेाना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा हैं। अस्पतालों में बेड नहीं मिल पाने की वजह से मंगलवार 15 लोगों की कोरोना संक्रमित होने के चलते मौत हो गई। वहीं,मरीज भी दिनभर भटकते रहे। मेरठ मंडल के मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने जिलाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जल्द व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं। मंडलायुक्त के आदेश के बाद भी जिले में हालात नहीं सुधर रहे है। अधिकारी फोन उठाना उचित नहीं समझ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन(भाकियू)के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी राजवीर सिंह खुद अपने बड़े भाई के बीमार होने के चलते अधिकारियों और कंट्रोल रूम के नंबर मिलाते रहे। मगर अधिकारियों ने फोन नहीं उठाए। उनका कहना है कि बड़े भाई चौधरी देशवीर सिंह का ऑक्सीजन लेवल-87 तक हो गया। एडीएम सिटी,एसडीएम,सिटी मजिस्ट्रेट,जीडीए सचिव संतोष कुमार राय आदि अधिकारियों से लेकर लखनऊ तक फोन किए। लेकिन कोई रेस्पांस नहीं मिला। तीन बजे कोलंबिया अस्पताल में सीटी स्कैन कराया। ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है। हालांकि कार्यवाहक जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने उनकी बात सुनीं। कोरोना संक्रमित मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लैक में खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। कोरोना के कहर की वजह से जहां मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। वहीं, ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड को लेकर हा-हाकार मच रहा है। जिले में रोजाना करीब 7 हजार सिलेंडर की जरूरत है,मगर 4 हजार तक ही सिलेंडर मिल रहे है। जिले में 3 हजार सिलेंडर की कमी है,कोरोना संक्रमित मरीजों होम आइसोलेशन के साथ अस्पतालोंं में भर्ती है। मगर इनमें से करीब 20 फीसद को ही ऑक्सीजन दी जा रही है। कार्यवाहक सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी ने बताया कि मंगलवार को जिले में कोरोना संक्रमित 1068 मरीज मिले है,जिले में अब तक ठीक होने के बाद 31,240 मरीजों को अस्पतालों से डिस्चार्ज किया जा चुका है। वहीं,कोरोना संक्रमित 15 लोगों की मौत हुई है। जिले में अब तक 165 महिला-पुरूषों की कोरोना संक्रमित होने के बाद मौत हो चुकी हैं। वर्तमान में कोरोना के एक्टिव केस 5515 मरीज है। जिला प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद जिले में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर सभी समस्याओं का निस्तारण करने के लिए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल रूम सेंटर बनाया गया है। मगर यहां फोन करने पर नंबर खराब मिल रहे है। जबकि मरीजों के लिए बेड उपलब्ध कराने ओर ऑक्सीजन कराने की मांग करने वाले लोगों की कोई हेल्प नहीं की जा रही है। सेंटर में कार्यरत कर्मचारी बेड नहीं होने का हवाला दे रहे हैं।
विद्युत विभाग में कोरोना से कोहराम, 2 की जान गई
कोरोना संक्रमण के कहर के चलते बिजली विभाग में 39 अधिकारी एवं कर्मचारी इन दिनों कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। जबकि दो कर्मचारियों की की मौत हो चुकी है। इनमें से एक को समय से अस्पताल में बेड,आक्सीजन नहीं मिल सकी है।बिजली विभाग के एसई (अधीक्षण अभियंता), अधिशासी अभियंता,एसडीओ,अवर अभियंता समेत 39 कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं और उनका होम आइसोलेशन व विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनमें से 38 वर्षीय एक कर्मचारी को समय पर न तो अस्पताल में बेड मिल सका और न आक्सीजन। संक्रमणकाल में विभागीय अधिकारी व कर्मचारी आपूर्ति सुचारु रखने में जुटे हैं।कोरोना संक्रमण काल में विभाग की ओर से वसूली पूरी तरह बंद है। सिर्फ निर्बाध बिजली आपूर्ति का लक्ष्य मानते हुए काम किया जा रहा हैं। इसके लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीके अपनाकर सावधानी और सतर्कता के साथ कर्मचारी जुटे हुए हैं। कविनगर हाइड्रिल कालोनी के निकट स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय प्रथम सिद्धार्थ मिश्रा के कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। विद्युत आपूर्ति में किसी भी तरह के व्यवधान की सूचना कंट्रोल रूम को मिलने पर त्वरित गति से उसे ठीक कराया जाता हंै। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के चीफ इंजीनियर पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में अभी सिर्फ कोविड अस्पताल, आक्सीजन प्लांट व स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मोक्ष स्थलों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इसके लिए स्पेशल मॉनिटरिंग की जा रही है। विद्युत आपूर्ति में कोई बड़ा ब्रेक डाउन अभी नहीं लेना पड़ा।