कोरोना: पीडि़तों की मदद के लिए देवदूत बनी मानव सेवा समिति

-पैसे के अभाव में कोई भूखा ना सोए, 300 लोगों को बांटा भोजन

गाजियाबाद। भूख लगते ही जब हमें भोजन मिल जाता है, तो हमे पता नहीं चलता कि भूख की तड़प क्या होती है। भूख का अहसास वही कर सकता है, जो वास्तव में भूखा हो, और उसके आस- पास खाने योग्य कुछ भी न हो। ऐसे में सूखी रोटी का एक निवाला भी उसे 56 भोग से भी अधिक स्वादिष्ट लगता है। भूखे के लिए उस निवाले के सामने हीरे जवाहरात भी मूल्यहीन लगने लगते हैं, वह है असली भूख। जो शब्दों से इतर है, और उसका सिर्फ अनुभव किया जा सकता है, पर शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। इन दिनों लॉकडाउन में कोई भी जरूरतमंद भूखा न सोए, इस कोशिश में मानव सेवा समिति (इंदिरापुरम इकाई) गाजियाबाद जुटा हुआ है। शनिवार को समिति द्वारा शुक्र बाजार चौक गुप्ता एसोसिएट पर करीब 300 लोगों को निशुल्क भोजन वितरित किया गया। संयोजक प्रदीप गुप्ता ने बताया कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगने से, काफी लोगों का व्यापार बंद चल रहा है। जिससे उन पर काम करने वाले लोग आज भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। भले ही सरकार ने अनलॉक कर दिया है, लेकिन आज भी मजदूर तबके लोगों के सामने रोजगार एवं भोजन का संकट गहराया हुआ है। मानव सेवा समिति का उद्देश्य है कि गाजियाबाद में पैसे के अभाव के कारण कोई व्यक्ति भूखा ना रह पाए। आज अगर समाज के लोग जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे नहीं आएंगे, तो इतिहास ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं कर पाएगा। सरकार अपनी ओर से काफी मदद कर रही है परंतु महामारी को देखते हुए यह काफी नहीं है। बता दें कि यदि किसी का परिवार कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। उसके घर पर खाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। संक्रमण काल में भूखे सो रहे हैं, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। कोरोना संकट से लड़ रहे ऐसे लोगों के लिए मानव सेवा समिति (इंदिरापुरम इकाई) गाजियाबाद के पदाधिकारी दूत बनाकर सामने आए है। जो संकट की इस घड़ी में जरूरत मंद लोगों के घरों पर राशन एवं भोजन की व्यवस्था करा रहें है। इस दौरान अरविंद मलिक, हेमन्त बाजपेई, सतीश अरोड़ा, शिव मित्तल, अनिल जैन, देवेश मलिक, शिव कुमार गुप्ता, मुकेश कुमार सिंह, राकेश आर्य आदि लोग उपस्थित रहे।