अपने दायित्व का निर्वहन करना ही सच्चे समाजसेवी का धर्म: केके शर्मा

-युवक को दिया जीवनदान तो विकलांग को भेंट की ट्राई साइकिल

गाजियाबाद। जीवन में संस्कारों का बड़ा महत्व है। ऐसा ही एक संस्कार है समाजसेवा का भाव। निस्वार्थ भाव से यथासंभव जरूरतमंद की मदद और समाजसेवा करना हमारे संस्कारों की पहचान कराता है। समाजसेवा के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं रहती। यदि पद लिया हो तो उसका महत्व समझकर अपने दायित्व का निर्वहन करना ही सच्चे समाजसेवी का धर्म होता है। समाज में पदाधिकारियों का चयन सर्व समिति से ही करना उचित रहता है, न कि मतदान करके। ऐसा ही समाजसेवा की ललक गाजियाबाद के श्री राम पिस्टन कम्पनी के पूर्व महाप्रबंधक एवं सोशल चौकीदार केके शर्मा में देखने को मिलती है। उन्होंने अपनी जिंदगी की कमाई का कुछ हिस्सा जरुरतमंद एवं बेसहारा लोगों की मदद में लगाना शुरु कर दिया। यह सेवा कोई एक या दो वर्षों की नही है। बल्कि पिछले करीब 20 वर्षों से केके शर्मा हर एक जरुरतमंद लोगों मदद करते आ रहे है। श्री राम पिस्टन कम्पनी में कार्यरत के समय से ही उन्होंने यह कार्य शुरु कर दिया और रिटायरमेंट के बाद भी समाजसेवा का कार्य जारी है। उन्होंने यह सेवा किसी लोभ-लालच के लिए नही की, बल्कि परिवार से मिले संस्कारों से शुरु की।

वरिष्ठ समाजसेवी केके शर्मा ने किसी को नोकरी दी तो किसी को दवा, किसी की शादी कराई तो किसी को दो वक्त की रोटी, किसी का इलाज कराया तो किसी के बच्चों की पढ़ाई का बीड़ा उठाया है, किसी महिला को उत्पीडऩ से बचाया है तो किसी दिव्यांगों को उपकरण उपलब्ध कराए। जिससे वह अपने आपकों को असमर्थ महसूस न कर सकें। सोशल चौकीदार केके शर्मा का मानना है कि इस संस्था के निर्माण का उद्देश्य ही समाजसेवा है। गरीब एवं बेसहारा लोगो की मदद करने से भगवान खुश होते है (नर सेवा नारायण सेवा) इसीलिए श्री शर्मा ने अपनी पूरी जिंदगी गरीब एवं बेसहारा लोगो को खुशी देने का कार्य किया है। आज उनके द्वारा की गई समाजसेवा से सैकड़ो लोगों की दुआ उनके ऊपर है।

आज भी ऐसा ही हुआ, जहां नन्दग्राम निवासी रोहित सैनी जो बहुत गरीब है और दिव्यांग है। पछले कई महीनों से श्री शर्मा से मिल रहे थे। उनके पिता श्री राम पिस्टन में माली थे। जिनकी मृत्यु के बाद रोहित का एक एक्सिडेंट में पेर काटना पड गया था। तबसे घर की स्थिति अच्छी नही चल रही थी। श्री शर्मा को जब यह पता चला तो उन्होंने उस परिवार की हर संभाविक मदद करने का फैसला किया और रोहित को आने जाने में बहुत परेशानी होती है इसलिए उन्होंने रोहित के लिए एक बैट्री से चलने वाली ट्राई साइकल मंगवा कर भेंट की। जिससे रोहित को कही आने जाने में परेशानी न हो और रोहित कही भी आने जाने के लिए स्वतंत्र महसूस करे।

रोहित ट्राई साईकल को लेकर बहुत खुश हुआ और श्री शर्मा ने रोहित को कहा कि भविष्य में कभी कोई परेशानी आए तो मुझे याद करना। वहीं एक युवक बेरोजगारी के चलते आत्महत्या का प्रयास कर रहा था। जब उसकी जानकारी केके शर्मा को हुई तो उन्होंने उसे अपने पास बुलाया और जीवन के मूल्य के बारे मेे ंबताया। उन्होंने कहा मनुष्य का जीवन सत्कर्म करने के लिए हुआ है। ना कि यूॅ कायर की तरह मरने के लिए हुआ है। नौकरी से परेशान युवक को उन्होंने अपने घर पर ही रख लिया। केके शर्मा के इस कार्य से एक युवक को एक नया जीवनदान मिला है।