स्वच्छता सर्वेक्षण की तर्ज पर 2100 नंबरों का जनवरी में होगा पेयजल सर्वेक्षण: आनंद त्रिपाठी

-देश के टॉप-5 शहरों में शामिल होने की पूरी तैयारी

गाजियाबाद। स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 से पहले इस बार शहर में इसी की तर्ज पेयजल सर्वेक्षण होगा। यह पेयजल सर्वेक्षण 2100 अंकों का होगा। केंद्र सरकार की ओर से सर्वेक्षण के लिए टीमें भेजी जाएगी। उम्मीद है कि जनवरी में यह टीमें शहर में आकर सर्वेक्षण करेगी। हालांकि पेयजल सर्वेक्षण को लेकर पानी की आपूर्ति से लेकर नलकूप, हैंडपंप व पाइप लाइन के जरिए होने वाली पानी की सप्लाई बहुत कॉलोनियों में तैयारी आधी-अधूरी है। शहर में पेयजल के लिए रैंकिंग पर भी असर डाल सकती है। पेयजल से जुड़ी नई योजना भी नगर निगम के अधिकारी फंड की कमी की वजह से नहीं ला पा रहे हैं।

ऐसी में पुरानी व्यवस्था से काम चलाकर ही देश के टॉप-5 शहरों में शामिल होने की पूरी तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा देश के सभी नगर निगम में इस बार पेयजल सर्वेक्षण कराया जा रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 की तर्ज पर पेयजल सर्वेक्षण होगा। इसमें अंकों के आधार पर रैंकिंग निर्धारित होगी। पेयजल सर्वेक्षण में जल आपूर्ति की स्थिति, पाइप लाइनों की हालत, पानी की गुणवत्ता, रिसाइकिल और सीवरेज सिस्टम आदि के इंतजाम और पानी की सप्लाई को लेकर टीमों द्वारा सर्वे किया जाएगा। इन सभी बिंदुओं के नंबर दिए जाएंगे। उम्मीद है कि जनवरी-2023 में पेयजल सर्वेक्षण का टीमों द्वारा कार्य शुरू किया जाएगा।

फिलहाल नगर निगम की शहर में पेयजल आपूर्ति को लेकर आधी-अधूरी तैयारी के साथ इस सर्वेक्षण में अव्वल रैंकिंग लाना बड़ी चुनौती होगी। नगर निगम के जलकल विभाग के महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण की तर्ज पर शहर में पहली बार पेयजल सर्वेक्षण होगा। 2100 नंबरों का यह पेयजल सर्वेक्षण होगा। केंद्र सरकार की ओर से भेजी जाने वाली टीमों द्वारा पेयजल सर्वेक्षण किया जाएगा।उम्मीद है कि जनवरी में यह टीमें शहर में आकर सर्वे करेगी। शहर में फिलहाल पेयजल आपूर्ति को लेकर कोई समस्या नहीं है। जिन कॉलोनियों में दिक्कत है,वहां पर नए नलकूप लगाए गए है। उम्मीद है कि पेयजल सर्वेक्षण में नगर निगम की अव्वल रैंकिंग आएगी।

यह बात दीगर है कि नगर निगम के विजयनगर जोन और मोहननगर जोन क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की स्थिति कुछ अच्छी नहीं है। सिटी जोन क्षेत्र की कई कॉलोनियों में दूषित पानी की सप्लाई की लोग शिकायत करते हैं। वहीं, मोहननगर जोन क्षेत्र के शालीमार गार्डन, छाबड़ा कॉलोनी, जनकपुरी, राजीव कॉलोनी, डीएलएफ, तुलसी निकेतन, भोपुरा, शहीदनगर, गणेशपुरी, राजेंद्रनगर, करहेड़ा गांव समेत अन्य कॉलोनियों में नगर निगम द्वारा पानी की सप्लाई पाइप लाइनों से की जा रही है।पानी की आपूर्ति नहीं होने से यहां के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी है। ऐसे ही विजयनगर जोन क्षेत्र में भी पानी की समस्या रहती हैं। सीवरेज से लेकर पानी की आपूर्ति में समस्या: शहर में सीवरेज लाइनें पुरानी होनी की वजह से व्यवस्था ठीक नहीं है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नियमित रूप से काम नहीं कर रहे है।

सीवर का पानी नालियों में भर जाता है। निजी कंपनी अब सीवरेज का काम देख रही है। वहीं, शहर में दूषित पानी की समस्या है। 100 से ज्यादा कॉलोनियों में दूषित पानी आने लगता है।इस पानी को पीने से पूर्व में कई बच्चे बीमार भी हो चुके हैं। पानी की नमूने भी जांच में फेल आ चुके हैं। ऐसे ही शहर में 40 साल पुरानी जर्जर पानी की पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति की जा रही है।ऐसे में पानी की बर्बादी भी हो रही है। पानी की पाइप लाइनों में लीकेज की समस्या से दूसरी और तीसरी मंजिल के भवनों में पानी नहीं पहुंच पाता है। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं,नगर निगम द्वारा पानी का रिसाइकिल नहीं कर पा रहा है। इससे पानी की बर्बादी हो रही है। पानी नाले और नालियों में बह जाता है।पानी के रिसाइकिल के लिए प्लांट लगने में भी वक्त लगेगा। पेयजल सर्वेक्षण करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से आने वाली टीम लोगों से पेयजल आपूर्ति और सीवरेज सिस्टम की फीडबैक लेगी।

शहर की कई कॉलोनियों में पानी की दिक्कत
शहर की कई कॉलोनियां ऐसी हैं जहां लोगों को पानी की बहुत दिक्कत है। फीडबैक से पहले नगर निगम को व्यवस्था में सुधार करना होगा। महानगर में पानी की व्यवस्था: वार्ड-100,आबादी-18,14901,कुल भवन 3,70,000,पानी के कनेक्शन-2,64560,बगैर पानी कनेक्शन के मकान-74,440, प्रति व्यक्ति पानी की आपूर्ति-121 लीटर प्रतिदिन,प्रति व्यक्ति पानी की जरूरत-150 लीटर प्रतिदिन, पेयजल की उपलब्धता-325 एमएलडी, पेयजल की डिमांड-400 एमएलडी। छोटे नलकूप 10 एचपी-400,बड़े नलकूप 30 एचपी-217,पाइप लाइन-2,232 किलोमीटर, गंगाजल-56 एमएलडी,वाटर टैंकर-39, हैंडपंप-7150,भूमिगत जलाशय-22, ओवरहेड टैंक-67 हैं।