निगम अधिकारियों को अंतिम चेतावनी मेयर सुनीता दयाल बोली आचरण नहीं सुधरा तो खोल दूंगी भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा

मेयर सुनीता दयाल ने निगम अधिकारियों पर लगाया मनमानी का गंभीर आरोप कहा सिर्फ कागजों में अधिकारी कर रहे हैं शहर का विकास गाज़ियाबाद निगम को लगा रहे हैं चूना

गाजियाबाद। महापौर सुनीता दयाल ने एक बार फि नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाया है। हाल ही में कांवड़ यात्रा के दौरान महापौर ने दिल्ली के कूड़े को गाजियाबाद में डालने को लेकर निगम अधिकारियों से तनातनी हो गई थी। उन्होंने निगम अधिकारियों पर सहयोग न करने का आरोप लगा है। महापौर का कहना है कि निगम अधिकारियों से जब भी कोई जानकारी मांगी जाती है तो वह आधी-अधूरी जानकारी देते है। आरोप है कि कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए निगम अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। जिसकी शिकायत शासन से की जाएगी। बुधवार को नगर निगम अपने कार्यालय में महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि नगर निगम जल्द ही अपना खुद का पेट्रोल पंप शुरू करेगा। साथ ही अपने इस्तेमाल के लिए सीएनजी पंप भी लगाया जाएगा। निगम के पुराने वाहनों की उपयोगिता सुनिश्चित की जाएगी और नये वाहनों के उचित रखरखाव का प्रबंध भी किया जाएगा।

महापौर सुनीता दयाल से जब गाजियाबाद शहर के कूड़ा निस्तारण के विषय में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि शहर के कूड़ा निस्तारण की समस्या भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। इस विषय में जल्द ही एक ठोस योजना बनाई जाएगी। नगर निगम सीमान्तर्गत हाई राईज इंटिग्रेटिड /बल्क वेस्ट जनरेटर सोसाइटियों को अपने कूड़ा का निस्तारण स्वयं करना होता है लेकिन वो नही कर रहे है। नगर निगम सीमा में हीं डाल रहे है। कवि नगर थाना क्षेत्र स्थित औद्योगिक चौकी में पिछले कई वर्षों से नगर निगम की करोड़ों रुपए की रोड़ स्वीपिंग मशीन खड़ी है। जिस पर अधिकारियों ने आज तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं कि जिससे उसे छुड़ाया जा सकें। अगर एक पत्र जाता तो शायद वह गाड़ी शहर के उपयोग में इस्तेमाल होती। रोड़ पैचिंग मशीन नगर निगम में लगभग 90 लाख रूपये में खरीदी गई, कानपुर नगर निगम में यह मशीन लगभग 55 लाख रूपये में खरीदी गयी है।

जबकि वहां भी खड़ी है। नगर निगम ने इसे खरीदने से मना कर दिया था लेकिन फिर भी 15वें वित्त आयोग की धनराशि से खरीदी गई। बताया जाता है कि इसका मैटेरियल बहुत महंगा आता है। जब निगम अधिकारियों से इन मशीन की जानकारी मांगी गई तो बताया कि इस मशीन से कार्य कराया गया है। लेकिन जमीनी स्तर पर इस मशीन से कोई कार्य नहीं किया गया है। अधिकारियों ने जो भी कार्य किए वह बस कागजों तक ही सीमित है। जो गड्ढ़ा आज 6 इंच का है, उसका टैण्डर करके वर्क ऑर्डर होने तक वो गड्ढ़ा 2 फुट का हो जाता है। फिर कहते है कि मशीन से गड्ढ़ा नहीं भर सकते है। अगर गड्ढा होने की शिकायत मिलें और हम तभी कार्य कर लें तो उस गड्ढे को भरवाने के लिए टैण्डर निकालने की जरुतर भी न पड़े। मगर ठेकेदारों की झोली भरने के लिए निगम अधिकारी ज्यादा मेहरबान है।

जिन वाहनों को सरकार की वाहन नीति के अनुसार प्रयोग नही कर सकते (डीजल 10 वर्ष / पेट्रोल 15 वर्ष) उन वाहनों की नीलामी हो और जिन गाडियों का समय अभी है, जो कविनगर व अन्य गैराज पर खड़ी खड़ी गल रही है उनको उपयोग में लिया जाए। अधिकारियों से फाईल मांगने पर आना-कानी करते है और जब फाईल देते है तो उसमें से पेपर भी गायब रहते है। नगर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया हुआ है। मगर यह सब अब नहीं चलेगा। गौरतलब है कि महापौर सुनीता दयाल ने कार्यभार ग्रहण करते ही अपने तेवर दिखा दिये थे। उन्होंने निगम में फैले भ्रष्टाचार को भी खासी गंभीरता से लिया था। महापौर ने खुद मौके पर जाकर मोरटा में गाजियाबाद की सीमा में दिल्ली का कूड़ा डालने आए आधा दर्जन से अधिक ट्रकों को पकड़कर पुलिस के हवाले भी किया था। इस कार्यवाही से काफी हडकंप मचा था।