योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनपद की सभी महिला चिकित्सकों को दिलाए चिकित्सीय परीक्षण: डीएम

गाजियाबाद। रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना अंतर्गत पीड़ित महिलाओं को आर्थिक सहायता दिए को लेकर 93 प्रकरणों की स्वीकृति दी गई। बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भवतोष शंखधर, संयुक्त निदेशक अभियोजन रामजीवन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रतिनिधि, जिला प्रोबेशन अधिकारी मनोज पुष्कर आदि अधिकारियों के साथ जिला संचालन समिति की बैठक।
उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनपद की सभी महिला चिकित्सकों को चिकित्सा प्रशिक्षण दिलाया जाए। ताकि पीड़ित महिलाओं को तत्काल कार्रवाई योजनाओं का लाभ मिल सकें।

बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी मनोज पुष्कर जिला संचालन समिति के पोर्टल पर नोडल पुलिस अधिकारी एवं नोडल चिकित्सा अधिकारियों की अपलोड की गई आख्या सहित प्राप्त 651 प्रकरणों को समिति के समक्ष विचार विमर्श के लिए रखा। इन प्रकरणों में धारा-304 बी के 2 प्रकरणों एवं पोक्सो एक्ट की धारा-4, के 49,धारा-6 के 38 एवं 376डी के प्राप्त 4 प्रकरणों पर नोडल पुलिस अधिकारी आख्या एवं नोडल चिकित्सा अधिकारी के अभिमत के आधार पर कुल 93 प्रकरणों पर स्वीकृति की सहमति व्यक्त की गई। जिलाधिकारी ने 240 प्रकरणों पर नोडल चिकित्सा अधिकारी का अभिमत नो अंकित होने पर इन प्रकरणों पर पुन: चिकित्सीय रिपोर्ट का परीक्षण कर स्पष्ट आख्या एक सप्ताह के अंदर अंकित करने के निर्देश दिए।

वहीं, जिन प्रकरणों में पीडि़ता द्वारा मेडिकल नहीं कराया गया। ऐसे 108 प्रकरणों को समिति द्वारा सर्वसम्मति से निरस्त करने का निर्णय लिया गया। बाकी 210 प्रकरणों में जो फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) रिपोर्ट नहीं आने के कारण लंबित हैं। उनकी एफएसएल रिपोर्ट शीघ्र मंगाने के लिए पुलिस अधिकारी को निर्देश दिए गए। उन्होंने सीएमओ को इस योजना के प्रभावी  क्रियान्वयन के लिए जनपद की सभी महिला चिकित्सकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम कराए जाने के निर्देश दिए।