बाढ़ से बचाव के लिए 24 घंटे क्रियाशील रहे कंट्रोल रूम: सौरभ भट्ट

-परम्परागत शैली के साथ नई तकनीक व सोच की भी है आवश्यकता

गाजियाबाद। मानसून के दौरान बाढ़ से बचाव व नियंत्रण को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी पहले ही पुख्ता तैयारी कर लें। मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह के निर्देशानुसार एडीएम वित्त एवं राजस्व सौरभ भट्ट ने बाढ़ नियंत्रण के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए यह निर्देश दिए। एडीएम सौरभ भट्ट ने कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए परंपरागत शैली के साथ नई तकनीक व सोच की आवश्यकता हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व सौरभ भट्ट ने बैठक के दौरान बाढ़ से संबंधित सभी बिंदुओं जैसे नदियां,अधिकतम निस्सरण,खतरे का निशान, बाँधो की लंबाई, बाढ़ कंट्रोल रूम, बाढ़ चौकियां, नालों की संख्या व लंबाई,बाढ़ से प्रभावित ग्राम, बीते वर्ष का अधिकतम निस्सरण, बाढ़ पूर्वानुमान सूचना व्यवस्था, पीत सिग्नल, हरित संकेत सहित जनपद में बहने वाली नदियों के स्थल की विस्तार से जानकारी ली।

गाजियाबाद में यमुना नदी जो हिमालय के बर्फ पिघलने से बहती है। वह हिंडन नदी जो सहारनपुर से प्राकृतिक नालों से होने वाले प्रवाह द्वारा बहती है। यमुना नदी पर ओखला बैराज है, यह लोनी तहसील में है। हिंडन नदी में हिंडन बैराज है। जो मोदीनगर व सदर गाजियाबाद तहसील में है। उन्होंने जाना कि बाढ़ कंट्रोल रूम सिंचाई निर्माण खंड द्वारा 24 घंटे क्रियाशील रहता है। कंट्रोल रूम का नंबर-0120-2759678,9871465532 उपलब्ध हैं। इसके साथ ही जनपद में 6 बाढ़ चौकियां हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ रोकने के लिए जरूरी है कि उसका प्रभाव कैसे कम किया जाए। नालों की सफाई कराई जाए।आमजन के साथ ही  जीव-जंतुओं की तथा सामान की सुरक्षा की जाए। अगर आवश्यकता हैं तो उन्हें समय से स्थानांतरित किया जाए। जनपद में जहां-जहां बाढ़ आई है।

वहां के अधिकारियों और ग्राम प्रधानों सहित अन्य वरिष्ठ एवं बुद्धिजीवी लोगों से संपर्क कर बाढ़ को रोकने व नुकसान से बचने के बारे में चर्चा की जाए। बाढ़ से बचाव के लिए परंपरागत तरीकों के साथ नई तकनीक और सोच को जोड़ते हुए कार्य करने की आवश्यकता हैं। बैठक में जिला सूचना अधिकारी योगेंद्र प्रताप सिंह, एसीएमओ डॉ. अमित, नायब तहसीलदार प्रशांत सक्सेना, एआरओ कृपा शंकर, एडीपीआरओ ए सिंह, जिला उद्यान अधिकारी निधि सिंह, एडीएओ शताक्षी मिश्रा, एसीपी प्रोटोकॉल रविंद्र कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल, एनपी सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहे।