कैला भट्टा में 50 करोड़ की जमीन पर पूर्व पार्षद हाजी खलील ने किया कब्जा, होगी एफआईआर

जमीन को कब्जा मुक्त कराकर दुकानें या कॉम्प्लेक्स बनाने पर होगा मंथन

गाजियाबाद। नगर निगम की लगभग 50 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जा कर पार्किंग चलाने और मदरसा बना लिए जाने के मामले में पूर्व पार्षद हाजी खलील के खिलाफ निगम एफआईआर दर्ज कराएगा। वहीं, जमीन को कब्जा मुक्त कराकर इस पर दुकानें या कॉम्प्लेक्स बनाने की प्लानिंग की जाएगी। शनिवार को नगर निगम मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में महापौर सुनीता दयाल एवं नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बातें कहीं। इस दौरान अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव, संपत्ति अधीक्षक भोलानाथ गौतम एवं कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा भी मौजूद रहे। महापौर और नगर आयुक्त ने बताया कि कैला भट्टा मरकज मस्जिद के बराबर में खसरा संख्या-213 की 23,340 वर्ग मीटर निगम की सरकारी जमीन है। इसकी वर्तमान में करीब 50 करोड़ रुपए कीमत है।

कैला भट्टा की इस सरकारी जमीन पर कब्जा होने की शिकायत मिली थी। एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह के निर्देश पर तहसील एवं नगर निगम के संपत्ति विभाग द्वारा इसकी जांच की गई तो पता चला कि शिकायत सही है। मौके पर जांच में पाया गया कि निगम के पूर्व पार्षद हाजी खलील ने इस जमीन पर पिछले 10 से 12 साल से कब्जा कर रखा हैं। जांच में पाया गया कि इसमें से करीब 200 वर्ग मीटर जमीन पर मदरसा और कमरे बना रखे है। जबकि 2 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर पार्किंग संचालित की जा रही हैं। पार्किंग में खड़ा होने वाले वाहनों से प्रति माह लाखों रुपए की कमाई कर रहा है। जबकि निगम की बाकी जमीन को पूर्व पार्षद ने कबाड़ी का काम करने वाले लोगों को किराए पर दिया हुआ है।

महापौर व नगर आयुक्त ने कहा कि जांच में यह बात सामने आई है कि पूर्व पार्षद हाजी खलील ने निगम की इस सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। इससे जल्द ही निगम जमीन को कब्जा मुक्त कराकर निगम कब्जा लेगा। साथ ही पूर्व पार्षद के खिलाफ निगम का संपत्ति विभाग जल्द ही थाने में एफआईआर भी दर्ज कराएगा। महापौर व नगर आयुक्त ने कहा कि कब्जा की गई जमीन से अब तक जो पैसा कमाया है। वह पैसा भी उससे वसूल किया जाएगा। किसी भी सूरत में जल्द ही जमीन को कब्जा मुक्त कराई जाएगी। इसकी जांच पूरी हो गई है। जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग से कार्रवाई कर इस जमीन पर कब्जा लिया जाएगा। इस जमीन में करीब 200 वर्ग मीटर जमीन पर बनाए गए मदरसे को नहीं तोड़ा जाएगा। हालांकि इसमें बच्चे पढऩे नहीं आते है।