मठाधीश बाबुओं पर चला सरकारी हंटर, योगी सरकार का फरमान, लंबे समय से सीट पर जमे सभी बाबुओं का होगा ट्रांसफर, प्राधिकरण, निगम और प्रशासन के बाबुओं में मचा हड़कंप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मठाधीश बाबुओं के दिन अब लद गए हैं। सरकार के ताजा फरमान ने इन बाबुओं की बेचैनी बढ़ा दी है। लंबे समय से एक ही स्थान पर डटे बाबुओं का तबादला किया जाएगा। सरकार के इस आदेश से खासकर विकास प्राधिकरण, नगर निगम और प्रशासन के बाबुओं की हालत पतली हो गई है। दरअसल बड़ी संख्या में बाबू ऐसे हैं, जो सेटिंग के बल पर सीट पर जमे रहकर खूब चांटी काट रहे हैं। इन बाबुओं के खिलाफ शिकायतों पर भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती है। उलटा शिकायत कर्ता को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सरकारी विभागों में बाबुओं की तैनाती की समय सीमा निर्धारित है। इसके बाद उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित करना होता है, मगर सेटिंगबाज बाबू सीट पर बने रहने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपनाते रहते हैं। उप्र शासन के कार्मिक अनुभाग-4 के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्ष एवं कार्यालयाध्यक्ष को पत्र भेजकर नियमों का अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा है कि समूह ग के कार्मिकों का प्रत्येक तीन वर्ष के उपरांत क्षेत्र परिवर्तन किया जाना चाहिए। सरकारी कार्यालयों में कार्यों की शुचिता बनाए रखने के लिए शासन समय-समय पर इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करता रहा है, मगर इस आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

शासन के संज्ञान में आया है कि इस आदेश का अनुपालन करने में कोताही बरती जा रही है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने साफ निर्देश दिए हैं कि समूह ग के कार्मिकों के पटल का परिवर्तन प्रत्येक तीन वर्ष के उपरांत बदल दिया जाए। नियमों का अनुपालन कराने को सभी विभागाध्यक्ष एवं कार्यालयाध्यों को गंभीरता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने पांच बिंदुओं पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उधर, सूत्रों का कहना है कि विकास प्राधिकरण, नगर निगम और जिला प्रशासन में बड़ी संख्या में ऐसा बाबू तैनात हैं, जो सरकारी नियमों का मखौल उड़ा रहे हैं। सेटिंग के बल पर यह बाबू एक ही सीट पर लंबे समय से काबिज हैं।