गुजरात तो केवल झांकी है, पिक्चर अभी बाकी है : प्रदीप गुप्ता

गाजियाबाद। व्यापारी एकता समिति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 3 माह में 3 राज्यों के अपने मुख्यमंत्री बदलकर भावी राजनीतिक तैयारियों के लिए बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। ऐसी खबरें हैं कि जल्द कुछ और राज्यों में भी बदलाव हो सकता है। सवाल यह उठता है कि इसके पीछे की वजह क्या है? दरअसल पार्टी को जो जमीनी फीडबैक मिल रहा है, वह उतना अच्छा नहीं है, जिसकी वह उम्मीद कर रहा था। ऐसे में कमजोर विपक्ष के बावजूद पार्टी की रणनीतिक चिंता बरकरार है। वह उन्हें समय रहते हल कर लेना चाहती है। भाजपा ने 3 माह में उत्तराखंड, कर्नाटक और अब गुजरात के मुख्यमंत्री बदले हैं। उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में चुनाव हैं और पार्टी रणनीति के अनुसार वहां पर पुराने नेतृत्व के साथ जरूरी चुनावी तैयारियां नहीं कर पा रही थी। ऐसे में वहां पर तो एक साल में 3 मुख्यमंत्री बदले गए हैं। कर्नाटक में भी पार्टी ने अपने सबसे बड़े नेता बीएस येदुरप्पा को बदल दिया है ताकि भविष्य की मजबूत जमीन तैयार की जा सके। अब पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन कर बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह अपनी भावी रणनीति को लेकर बेहद संजीदा है और इसमें किसी तरह की हीला-हवाली के पक्ष में नहीं है। दरअसल भाजपा की असली चिंता 2024 के लोक सभा चुनाव के पहले होने वाले राज्यों के विधान सभा चुनाव हैं। पार्टी उनमें अपना प्रदर्शन मजबूत रखना चाहती है, ताकि 2024 की मजबूत बुनियाद खड़ी हो सके। अलग-अलग राज्यों से पार्टी ने जो फीडबैक हासिल किया है, उसके अनुसार कोरोना काल के दौरान लोगों की दिक्कतें बढ़ी है। मौजूदा राज्यों के नेतृत्व को लेकर यह नाराजगी कहीं कम तो कहीं ज्यादा है। इसका विपरीत असर चुनाव नतीजों पर पड़ सकता है। ऐसे में पार्टी नए नेताओं के साथ नई तैयारियों के जरिए जनता के बीच जाना चाहती है और उसका विश्वास बहाल रखना चाहती है।