सफाई कर्मियों की स्वास्थ्य जांच, मिले ईपीएफ का लाभ: अंजना पवार

पीएम मेादी व सीएम योगी ने सफाई कर्मचारियों को सम्मानित करते हुए देश में दिया विशेष स्थान

गाजियाबाद। केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय एवं राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पवार ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच एवं ईपीएफ और ईएसआई की शत-प्रतिशत सुविधा मिलनी चाहिए। मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पंवार ने नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक, डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल, एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह,सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह, दिग्विजय सिंह, लीड बैंक मैनेजर हिमांशु शेखर तिवारी, एसीपी विवेक सिंह, राज्य निगरानी सदस्य कविता तिसावर, भाजपा के महामंत्री प्रदीप चौहान वाल्मीकि, अमित, आजाद, मनोज भारत, शक्ति जीनवाल, गौरव वाल्मीकि एवं सफाई कर्मचारी संघ के सदस्य, नगर पंचायत अधिकारी आदि अधिकारी के साथ बैठक की। इससे पूर्व आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पंवार का नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने फूलों का गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया। आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों को सम्मान दिया है। उन्होंने वाराणसी और प्रयागराज में सफाई कर्मचारियों का सम्मान करते हुए उनके साथ भोजन किया था। कोरोना काल के दौरान सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा के नाम से सम्मानित भी किया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई कर्मचारियों को समाज में विशेष स्थान देते हुए उनका सम्मान किया।

उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों का किसी भी प्रकार का शोषण नहीं होना चाहिए। सफाई कर्मचारियों की कम संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शासन को बैठक का हवाला देते हुए स्थाई कर्मचारियों की बढ़ोतरी के लिए पत्र भेजा जाए। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को समय से वेतन दिया जाए। प्रत्येक तीन माह में संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। इसकी रिपोर्ट भी उन्हें दी जाए। कर्मचारियों के आईकार्ड बनवाएं जाए और उनका ब्लड़ गु्रप,ईएसआई नंबर,पीएफ नंबर भी इस पर अंकित होना जरूरी है। इनके लिए कॉलोनी में आवास एवं फ्लैट बनवाएं जाए। जहां-जहां सफाई कर्मचारियों की कॉलोनियां है। वहां पर सामुदायिक केंद्र और पुस्तकालय का निर्माण कराया जाए। खस्ताहाल,बंद व अव्यस्थित पुस्तकालयों और सामुदायिक केंद्रों का जीर्णोंद्वार किया जाए। महिला सफाई कर्मचारियों के अगर बच्चे छोटे है तो उनकी ड्यूटी के समय उनके रहने एवं देखरेख के लिए एक चेंजिंग रूम बनवाया जाए। सफाई कर्मचारियों में 50 प्रतिशत शिक्षित व 50 प्रतिशत वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की जाए।

कर्मचारियों को कम से कम राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित न्यूनतम वेतन मिलना ही चाहिए। इस वेतन में बढ़ोतरी करने के लिए शासन को पत्र भेजे जाए। कर्मचारियों का ईपीएफ और ईएसआई दोनों वेतन से कटने चाहिए। ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो। कोरोना काल में हुई सफाई कर्मचारियों की मृत्यु के बाद मुआवजा दिलाने के लिए सरकार को पुन: बैठक का हवाला देते हुए पत्र भेजे जाए। ताकि उनके परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकें। कर्मचारियों का गु्रप इंश्योरेंश कराया जाए।

कर्मचारियों के सेवानिवृत्त से 6 माह पूर्व से ही उनके पेंशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। ताकि उन्हे सेवानिवृत्ति के उपरान्त विभागों के चक्कर ना लगाने पड़े। अंजना पंवार ने मौके पर जिला एमएमजी अस्पताल और लोनी नगर पालिका परिषद सहित अन्य विभागों के सफाई कर्मचारियों को बुलवाया और उनकी समस्याओं से अवगत हुई। इसमें कुछ कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन से भी लगभग आधा वेतन बोर्ड के ठेकेदारों द्वारा दिया जा रहा था। लोनी नगर पालिका परिषद द्वारा ईपीएफ नहीं काटा जा रहा हैं। उन्होंने श्रम विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए आदेश दिए कि उक्त मामलों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कर इसकी प्रतिलिपि मुझे भी उपलब्ध कराई जाए।