इमरजेंसी में दो मरीजों की मौत मामले में उपमुख्यमंत्री ने डॉक्टरों को लगाई फटकार, सीएमओ से रिपोर्ट तलब

गाजियाबाद। उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के सामने गुरूवार को बैैैठक के दौरान सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मौत का मुद्दा उठा। जिस पर उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भवतोष शंखधर से रिपोर्ट तलब की है। मरीजों की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया।
एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज चतुर्वेदी ने दो डॉक्टरों की टीम बनाकर जांच शुरु कर दी है।
गुरूवार को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में मीडिया द्वारा सरकारी अस्पतालों में हो रही मौतों व अस्पताल में फोटो खींचने की मनाही का मुद्दा उठाया गया।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भवतोष शंखधर से अस्पताल में मौत के मामले में रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि 8 नवंबर को नंदग्राम निवासी पूरनमासी (45) पत्नी इसरावती को सांस की समस्या थी। जिसके बाद वह एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची थी। एंंबुलेंस को फोन करने के करीब एक घंटे तक एंबुलेंस इमरजेंसी नहीं पहुंची और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दूसरी मौत 9 नवंबर को इमरजेंसी में हुई। विजयनगर बाईपास पर आदर्श कॉलोनी निवासी प्रदीप कुमार अपनी मां रामेश्वरी देवी (60) को लेकर इमरजेंसी में पहुंचा। बुजुर्ग महिला को बीपी की समस्या थी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

प्रदीप ने इमरजेंसी के स्टाफ से रामेश्वरी देवी को तुरंत देखने के लिए कहा, लेकिन ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने मरीज को नजरअंदाज कर दिया। एक घंटे तक बुजुर्ग महिला इमरजेंसी के परिसर में बनी बेंच पर बैठकर कराहती रही, लेकिन किसी भी स्टाफ ने उन्हें नही देखा और इलाज के अभाव में बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। दोनों मौत मामलों में अस्पताल की ओर से ड्यूटी चिकित्सक डा. डीके वर्मा से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ आरपी सिंह और डॉ. संतराम वर्मा को जांच कर आंख्या देने के निर्देश दिए गए हैं। अब दोनों चिकित्सकों को अपनी रिपोर्ट सीएमएस को देंगे। जांच पूरी होने पर सीएमओ के माध्यम से शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।