आबकारी विभाग के जाल में फंसे यूपी, दिल्ली व हरियाणा के शराब तस्कर

ईडीएम मॉल के पास चाय के खोखे में रात 10 बजे के बाद करते थे सस्ती शराब से लेकर महंगे शराब की तस्करी
पुलिस से बचने के लिए भोवापुर गांव के किराए के मकान में छिपा रखी थी ढाई लाख की शराब, तीन तस्कर गिरफ्तार

गाजियाबाद। जनपद में अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए आबकारी विभाग की टीम ने हर संभव प्रयास कर रही है। जहां छोटे तस्कर से लेकर बड़े माफिया को उनकी सही जगह जेल भेजा जा रहा है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने तीन ऐसे शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है। जो यूपी, दिल्ली और हरियाणा की शराब तस्करी करते थे। जिनके कब्जे से लाखों रुपए कीमत की अवैध शराब बरामद किया गया। बताया जा रहा है पहले तस्कर सिर्फ यूपी की शराब खरीदकर दुकान बंद होने के बाद शराब तस्करी करते थे। मगर धीरे-धीरे इस अवैध शराब के धंधे को चमकाने के लिए फिर दिल्ली से सस्ती शराब लाकर तस्करी करने लगे।

मगर जब लालच और बढ़ा तो फिर यूपी, दिल्ली के साथ हरियाणा से भी शराब तस्करी करने लगे। यूपी, दिल्ली के साथ हरियाणा की विभिन्न मार्का की शराब की पेटी को छिपाने के लिए दिल्ली से सटे यूपी के पास ही एक किराए का कमरा लिया हुआ था। जहां पर शराब लाकर स्टॉक करते थे और रात के 10 बजे के बाद शौकीनों की प्यास बुझाने के लिए उनके पसंदीदा ब्रांड की शराब तस्करी करते थे। शराब के हर पव्वे पर 40 से 50 रुपए अतिरिक्त वसूला जाता था। शराब तस्करी के लिए तस्करों को प्रतिदिन के हिसाब से 1000 रुपए मिलते थे। मगर शराब तस्करी में शामिल इनका मुखिया अभी भी आबकारी विभाग की पकड़ से दूर है। शराब तस्करों को पकडऩे के लिए आबकारी विभाग की टीम ने पिछले कई दिनों से अपनी फिल्डिग़ लगाई हुई थी, मगर सोमवार देर रात आबकारी विभाग को जाकर इसमें सफलता मिली। पकड़े गए तस्कर भी नए उम्र के है, जिस उम्र में उन्हें नौकरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करना चाहिए था, उस उम्र में वह 1 हजार रुपए के लिए शराब तस्करी के धंधा कर रहे थे।


जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया पिछले कई दिनों से थाना-कौशाम्बी अन्तर्गत मोहल्ला भोवापुर में ईडीएम मॉल के पास शराब तस्करी की सूचना मिल रही थी। मगर जब टीम मौके पर पहुंचती तो तस्कर फरार हो जाते थे। सोमवार रात करीब 12 बजे जब शराब तस्करी की फिर से सूचना मिली तो तस्करों को पकडऩे के लिए आबकारी निरीक्षक हिम्मत सिंह, अखिलेश बिहारी वर्मा, राकेश त्रिपाठी, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, अनुज वर्मा और अभय दीप सिंह की संयुक्त टीम गठित की गई। टीम ने मौके पर पहुंचकर शराब तस्करों को पकडऩे के लिए चारों तरफ अपना जाल बिछा दिया। जिसमें से एक सिपाही को सिविल वर्दी में ग्राहक बनाकर शराब खरीदने के लिए ईडीएम मॉल के पास एक गुमटी पर भेजा। जब सिपाही ने शराब की डिमांड की तो तस्कर ने रुपए लेकर उसे रॉयल ग्रीन व्हिस्की का पव्वा दिया। शराब तस्करी की पुष्टि होते ही टीम ने मौके पर पहुंचकर तस्करों को पकड़ लिया।

पूछताछ में तस्करों की पहचान सौरभ पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी डीबीए फ्लैट गाजीपुर दिल्ली, अमित प्रताप सिंह पुत्र लालजी सिंह निवासी खेड़ा देवत मन्दिर भोवापुर एवं सुमित सिंह पुत्र राम सिंह निवासी सेक्टर 3 वैशाली के रूप में हुई है। जिनकी निशानदेही पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली एवं हरियाणा राज्य में बिक्री के लिए अनुमन्य रॉयल ग्रीन व्हिस्की की 180 एमएल धारिता के 90 पौव्वे, व्हाइट एंड ब्लू व्हिस्की की 180 एमएल धारिता के 64 पौव्वे, किंग्स गोल्ड विहस्की की 180 एमएल धारिता के 64 पौव्वे, रॉकफोर्ड क्लासिक व्हिस्की की 180 एमएल धारिता के 37 पौव्वे, हंड्रेड पाइपर स्कॉच व्हिस्की की 180 एमएल धारिता के 47 पौव्वे, मेडुसा प्रीमियम स्ट्रांग बीयर की 500 एमएल धारिता के 120 कैन, जिन्सबर्ग क्लैसिक स्ट्रांग बीयर की 500 एमएल धारिता के 19 कैन एंव मिस इन्डिया ब्रांड की देशी शराब की 200 एमएल धारिता के 216 पौव्वे (विदेशी मदिरा के कुल 302 पौव्वे, बीयर के 139 कैन एंव देशी शराब के 216 पौव्वे कुल 167.06 बल्क लीटर) बरामद किया गया। जिनकी कीमत करीब ढाई लाख रुपए है। घटना में प्रयुक्त ज्यूपिटर स्कूटी वाहन भी बरामद किया गया। पकड़े गए तस्करों के खिलाफ थाना कौशाम्बी में आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया।

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया पकड़े गए तस्करों से पूछताछ में पता चला है कि शराब तस्करी का मुख्य आरोपी झंडापुर निवासी राकेश है, जो कि फरार है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए टीम दबिश दे रही है। राकेश ही शराब तस्करी के लिए रुपयों का फाइनेंस करता था। जिसके लिए तीनों तस्करों को वह 1-1 हजार रुपए देता था। राकेश के रुपयों से ही तस्कर यूपी, दिल्ली और हरियाणा से शराब तस्करी करते थे। पुलिस से बचने के लिए ईडीएम मॉल के पास एक गुमटी (खोखा) में कुछ पेटी शराब की छिपा देते थे। वहीं से रात 10 बजे के बाद लोगों को शराब तस्करी करता था। यूपी, दिल्ली और हरियाणा की शराब को छिपाने के लिए तस्करों ने भोवापुर गांव में ही एक किराए पर मकान लिया हुआ था। मकान मालिक को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने बताया अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए टीम द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। जो कि आगे भी जारी रहेगी।