आंदोलनरत किसानों के बीच नही पहुंची ममता बनर्जी

-धरनास्थल पर आंदोलनकारियों ने किया हवन

गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए किए तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 8 माह से यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पहुंचने और उनके इंतजार में बॉर्डर पर गहमागहमी रहीं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (दीदी) के पहुंचने को लेकर धरना स्थल पर सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। दिल्ली दौरे पर आई बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का गाजीपुर बॉर्डर पर आने का कार्यक्रम था। मगर वह नहीं पहुंंची। पुलिस ने धरना स्थल के आसपास गहनता से जांच की। वहीं बम निरोधक दस्ता व खुफिया विभाग भी अलर्ट पर रहा। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गाजीपुर बॉर्डर पर आने की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बात नहीं मान रही है। बॉर्डर पर और पक्के टेंट डालने पड़ेंगे। यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के पर चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि आगामी 5 सिंतबर को मुजफ्फरनगर की महापंचायत में आगामी रणनीति को लेकर बैठक करेंगे। किसानों ने लखनऊ समेत पूरे यूपी में आंदोलन का प्लान बनाया है। लोकतांत्रिक प्रणाली में किसान अपनी बात कहने का तरीका अजमा रहे हैं। सरकार कैसे सुनेगी यह देखते हैं। आंदोलन कमजोर नहीं होगा, हम आंदोलन करते रहेंगे। किसान देशभर में जाकर पंचायत करेंगे। इसके सिवाय किसान और क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव में किसानों ने पंचायत कर कहा था कि बीजेपी को वोट न दें। साथ ही ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया था कि किसानों को लेकर सरकार से बात करेंगी। चौधरी राकेश टिकैत ने भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन,प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी राजवीर सिंह,राजेश सिंह,मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक,शमशेर राणा,जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह आदि किसानों की मौजूदगी में प्रदेश सरकार पर भी निशान साधा। उनका कहना है प्रदेश में कम काम हुआ। चौधरी राकेश टिकैत ने किसानों के साथ शुक्रवार को सुबह किसान बृजपाल सिंह की बरसी पर यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर हवन-पूजन किया। हवन में किसान बृजपाल सिंह के बेटे ब्रह्मजीत सिंह और किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत द्वारा हवन में आहुति दी गई। इस बीच सभी पदाधिकारियों ने किसान बृजपाल सिंह की आत्मशांति के लिए प्रार्थना भी की।टिकैत ने कहा कि सरकार को हमारी मांगें माननी होंगी, कानून वापसी तक किसान हटने वाला नहीं है। बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह भी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन विरोधी कदम उठाया है। सरकार किसानों का भला करना चाहती है तो किसान नेताओं से बात करें। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं। कृषि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं।