महायोजना 2031 के मास्टर प्लान: 1135 आपत्तियां पर सुनवाई शुरू

-जीडीए उपाध्यक्ष ने मांगे सुझाव, पहले दिन कम आए आपत्तिकर्ता
-26 अगस्त तक कार्यदिवस में 100 आपत्तियां पर होगी सुनवाई

गाजियाबाद। महायोजना-2031 के मास्टर प्लान लागू करने की दिशा में जीडीए सभागार में शुक्रवार शाम 4 बजे से आपत्तियों पर सुनवाई शुरू हो गई। मास्टर प्लान को लागू करने से पहले जीडीए में पिछले दो माह में 1135 आपत्तियां लोगों द्वारा दर्ज कराई गई है। इन आपत्तियों का निस्तारण करने एवं सुझाव मांगे गए। शुक्रवार को जीडीए सभागार में जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में जीडीए सचिव बृजेश कुमार, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी,अपर आयुक्त तृतीय मेरठ मंडल महेंद्र प्रसाद, एडीएम एलए श्याम अवध चौहान, अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, जीडीए के मुख्य नगर नियोजक, उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक के प्रतिनिधि व एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के नामित सदस्य एससी गौड़ की कमेटी ने आपत्तियां पर सुनवाई की।

जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान को लेकर दर्ज की गई 100 आपत्तियों पर प्रत्येक कार्यदिवस में शाम 4 बजे से जीडीए सभागार में सुनवाई होगी। इनमें से बहुत संख्या में आपत्तियों का निस्तारण किया गया। जीडीए उपाध्यक्ष ने आपत्तियों के निस्तारण को लेकर जारी किए गए नंबरों को लेकर जीडीए अधिकारियों को सीरियल के अनुसार आपत्तियों का निस्तारण करने के निर्देश दिए।

नए मास्टर प्लान पर आई करीब 1135 आपत्ति व सुझावों के निस्तारण के लिए सुनवाई शुरू हो गई हैं। जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि शासन द्वारा गठित कमेटी आपत्ति व सुझावों पर सुनवाई शुरू हो गई। रात में करीब 9 बजे तक आपत्तियां पर सुनवाई की गई। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 100 आपत्तियों की सुनवाई कर निस्तारण किया जाएगा। शुक्रवार को भी 100 आपत्तियों को रखा गया था। इनका ब्योरा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण कीे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। सुनवाई 26 अगस्त तक चलेगी।

गत 30 अप्रैल को मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में नए मास्टर प्लान पर जीडीए बोर्ड की मुहर लगने के बाद प्राधिकरण ने आपत्ति व सुझाव आमंत्रित किए थे। सुनवाई के दौरान जो आपत्ति व सुझाव मान्य योग्य होंगे,उन्हें नए मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। इसके बाद मास्टर प्लान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। जीडीए बोर्ड की मुहर के बाद शासन में भेजा जाएगा और वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।