कूड़ा निस्तारण नही करने वालों पर नगर निगम ने कसा शिकंजा

-दो प्रवर्तन टीमों का गठन, सोसायटी-रेस्टोरेंट पर जुर्माने की कार्रवाई शुरू

गाजियाबाद। कूड़े का निस्तारण नहीं करने पर अब शहर में संचलित होटल, रेस्टोरेंट एवं गु्रप हाउसिंग सोसायटी से लेकर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स नगर निगम के निशाने पर आ गए है। शहर में कूड़े का निस्तारण नहीं किए जाने की वजह से समस्या बनता जा रहा है। प्रतिष्ठानों में सूखे और गीले कूड़े का निस्तारण करने के लिए गु्रप हाउसिंग सोसायटियों, होटल, व्यावसायिक दुकानों और रेस्टोरेंट संचालकों को पूर्व में दिशा-निर्देश दिए गए थे। मगर इनके द्वारा शहर में कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016 और जीडीए बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं लगानी वाली सोसायटियों पर अब नगर निगम 15 अगस्त के बाद कार्रवाई शुरू करेगा।
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के निर्देश पर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने जांच और कार्रवाई करने के लिए दो प्रवर्तन टीमों का गठन किया है। प्रवर्तन अनुभाग की एक टीम साहिबाबाद ट्रांस हिंडन क्षेत्र और दूसरी टीम पुराने शहर में जांच कर कार्रवाई करेगी। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार ने बताया कि कूड़े का निस्तारण नहीं किए जाने पर इनकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। बता देें कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में रोजाना शहर में लगभग 1200 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। 100 किलो से अधिक कूड़ा निकलने पर सोसायटी में कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट लगाना अनिवार्य है। सूखा व गीला कूड़ा अलग करने और गीले कूड़े की प्रोसेसिंग कर कंपोस्ट खाद तैयार करने के निर्देश पूर्व में दिए गए थे। इसके बावजूद अधिकांश सोसायटियों, होटल व व्यावसायिक दुकानों की ओर से लापरवाही की जा रही है। अब निगम की प्रवर्तन टीम नियमित निगरानी रखने के साथ सबसे पहले कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए नोटिस जारी करेगी। उसके बाद कार्रवाई नहीं करने पर सोसायटियों पर 10 हजार से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने की कार्रवाई हो सकती हैं। शहर में सिर्फ 15 सोसायटियों ने कूड़ा निस्तारण के लिए प्रोसेसिंग प्लांट लगाया है। ऐसे में 510 सोसायटियों में कोई कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट नहीं है। इन सोसायटियों में गीले व सूखे कूड़े को न ही अलग किया जा रहा है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016 के तहत पूर्व में भी सोसायटियों को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए दो प्रवर्तन टीमों का गठन किया गया है। निगम के साथ सोसायटियों द्वारा जीडीए के पूर्णता प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट)के नियमों का भी उल्लंघन कर रही हैं। करीब 100 सोसायटियों ने कूड़ा निस्तारण के लिए प्रोसेसिंग यूनिट की व्यवस्था नहीं की है। जीडीए ने पूर्व में बगैर कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट लगाए बिना पूर्णता प्रमाणपत्र जारी नहीं करने के आदेश जारी किए थे,जो अभी भी लागू है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथिलेश कुमार ने बताया कि शहर में जिन सोसायटियों,होटल,रेस्टोरेंट, दुकानों एवं कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों में कूड़ा निस्तारण के लिए प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगाए है। उनकी जांच करने के लिए दो टीमें बनाई हैं। टीमें कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगाने वाली सोसायटियों व अन्य को फिर से नोटिस जारी करेंगी।नोटिस के बाद अगर निर्धारित समय सीमा में प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगाने वाले व लापरवाही बरतने पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।