एक खास शाम बर्लिन, जर्मनी में पताका फहराने वाले एथलीट व कोचों के नाम

बर्लिन, जर्मनी में आयोजित विशेष ओलंपिक में भाग लेने वाले एथलीटों और कोचों का हुआ अभिनंदन

दिल्ली/गाजियाबाद। विशेष ओलंपिक विश्व ग्रीष्मकालीन खेल 2023 बर्लिन जर्मनी में 17 से 25 जून के मध्य आयोजित हुए थे। दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में रविवार को विशेष ओलंपिक विश्व ग्रीष्मकालीन खेलों में भाग लेने वाले एथलीटों और कोचों के लिए स्पेशल ओलंपिक्स भारत-दिल्ली ने अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि संगीता सक्सेना, सम्मानित अतिथि के रुप में ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त मौजूद रहे। एयर कमोडोर ललित शर्मा की विशेष मौजूदगी में एवं एसओबी की अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन स्पेशल ओलंपिक भारत की दिल्ली की अध्यक्षता एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ उपासना अरोड़ा ने किया। इस अवसर पर यूएसएड की मिशन डायरेक्टर वीना रेड्डी एवं यूएसएड के मिस्टर मार्क, वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉ सुनील मित्तल विशेष मेहमान रहे। डॉ मल्लिका नड्डा ने बताया कि स्पेशल ओलंपिक्स भारत एक राष्ट्रीय खेल महासंघ है। जो भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है और पूरे भारत में खेल और विकास कार्यक्रम संचालित करने के लिए स्पेशल ओलंपिक्स इंक. यूएसए द्वारा मान्यता प्राप्त है।

17-25 जून के बीच हुआ यह भारत का 16वां विशेष ओलंपिक विश्व खेल और 10वां विशेष ओलंपिक विश्व ग्रीष्मकालीन खेलों में भागीदारी का अवसर था। यह खेल बर्लिन और उसके आसपास आठ स्थानों पर आयोजित किए गए, भारत की कुल पदक संख्या 200 तक पहुंच गई, जिसमें 77 स्वर्ण, 71 रजत और 52 कांस्य शामिल हैं। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ उपासना अरोड़ा ने कहा हमने पिछले कुछ सालों में खेल में विकास देखा है। हमारे प्रमुख प्रतियोगिताओं में मेडल जीते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ सालों में कई बार खेल बजट में बढ़ोतरी हुई। प्रधानमंत्री ने टॉप्स जैसी नीति की शुरुआत की, जिससे जमीनी स्तर से प्रतिभा निखर कर सामने आईं। यही वजह है कि हमने पहले से ज्यादा मेडल जीते है। विशेष ओलंपिक एक वैश्विक आंदोलन है जो बौद्धिक विकलांगता वाले लोगों के खिलाफ भेदभाव को समाप्त करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए दुनिया भर में हर दिन खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा और नेतृत्व कार्यक्रमों का संचालन करता है। 1968 में स्थापित, विशेष ओलंपिक आंदोलन 190 से अधिक देशों में 6 मिलियन से अधिक एथलीटों और एकीकृत खेल भागीदारों तक बढ़ गया है।

विशेष ओलंपिक और पैरालंपिक अलग-अलग संस्थाएं हैं, जिनमें पहला बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों तक पहुंचता है और दूसरा शारीरिक चुनौतियों वाले लोगों तक पहुंचता है। हर दिन, दुनिया भर में विशेष ओलंपिक, ऐसे एथलीटों को रूढ़िवादिता को तोड़ने और खेल के मैदान और जीवन में अपने व्यक्तिगत जीवन के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित और सशक्त बनाता है। भारत में एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर पीवीएसएम, केसी, एवीएसएम, वीआरसी द्वारा स्थापित, यह आंदोलन 2001 में पंजीकृत हुआ। उस समय 25000 एथलीट थे; जो अब यह संख्या भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1.5 मिलियन से अधिक एथलीटों तक पहुंच गई है। कुल 1459 विशेष ओलंपिक भारत के एथलीटों और एकीकृत भागीदारों ने 1987 और 2023 के बीच सोलह विश्व खेलों में भाग लिया है। उन्होंने विश्व ग्रीष्मकालीन और विश्व शीतकालीन खेलों में 521 स्वर्ण, 575 रजत और 603 कांस्य पदक जीते हैं और कुल मिलाकर 1699 पदक जीते हैं। वर्तमान में डॉ मल्लिका नडडा के नेतृत्व में संगठन का तेजी से विकास हो रहा है। संगठन के दिग्गज 25 वर्षों से अधिक समय से इसके साथ जुड़े हुए हैं। भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा समर्थित, 17 से 25 जून 2023 तक बर्लिन जर्मनी में आयोजित विशेष ओलंपिक विश्व ग्रीष्मकालीन खेलों में एसओ भारत की अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा के नेतृत्व में भारत के 193 एथलीटों और एकीकृत भागीदारों और 57 कोचों ने 16 खेलों में भाग लिया। भारतीय दल का नेतृत्व एसओ भारत के महासचिव डॉ. डीजी चौधरी ने किया, एचओडी (प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख) ने 3 सहायक एचओडी की सहायता की।

भारत का 16वां विशेष ओलंपिक विश्व खेल व 10वां विशेष ओलंपिक विश्व ग्रीष्मकालीन खेल

मंत्रालय द्वारा समर्थित चार तैयारी शिविरों के बाद 1987 से खेलों में भागीदारी के फलस्वरूप खेल और भावनाओं से भरे 9 दिनों के साथ, एसओ वर्ल्ड समर गेम्स 2023 में 26 खेलों में प्रतिस्पर्धा करने वाले 176 प्रतिनिधिमंडलों के 6500 विशेष ओलंपिक एथलीटों और एकीकृत भागीदारों की भागीदारी देखी गई। एथलीटों को 3,000 से अधिक प्रशिक्षकों, 9000 परिवार के सदस्यों और 18,000 स्वयंसेवकों का समर्थन प्राप्त था। यह खेल बर्लिन और उसके आसपास आठ स्थानों पर आयोजित किए गए, भारत की कुल पदक संख्या 200 तक पहुंच गई, जिसमें 77 स्वर्ण, 71 रजत और 52 कांस्य शामिल हैं।