पुरानी पेंशन बहाल के लिए दिल्ली रामलीला मैदान में लाखों शिक्षकों ने भरी हुंकार

सरकार को चेताया अब वोट की चोट के आधार पर बहाल होगी पुरानी पेंशन
गाजियाबाद से अटेवा के नेतृत्व में हजारों शिक्षकों ने रैली में गरजे

दिल्ली/गाजियाबाद। पुरानी पेंशन बहाली के लिए देशभर से आए लाखों कर्मियों ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुंकार भर सरकार को चेताया कि अगर सरकार अपनी जिद नहीं छोड़ती है तो वोट की चोट के आधार पर पुरानी पेंशन बहाल कराएंगे। केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने पेंशन शंखनाद महारैली में कहा सरकारी कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक साबित होगी।

इस रैली में केंद्र एवं राज्यों के कर्मचारी संगठनों ने भाग लिया। हालांकि रैली का आयोजन ऑल टीचर्स/एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) एवं नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के बैनर तले हुआ है। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन, कर्मियों का अधिकार है। जिसे लेकर ही रहेंगे। वहीं जनपद गाजियाबाद से अटेवा के जिलाध्यक्ष मनीष शर्मा एवं महामंत्री रामशेष वर्मा के नेतृत्व में हजारों की संख्या में शिक्षक व कर्मचारी दिल्ली पहुंचे। मोदीनगर से अजय कुमार (जिला उपाध्यक्ष), संजय शर्मा (ब्लॉक संरक्षक),  जयवर्धन सिंह (जिला संयुक्त मंत्री), राजपाल यादव (ब्लॉक अध्यक्ष भोजपुर) और मुरादनगर से सुधीर त्यागी (जिला संरक्षक), आरती वर्मा (जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ), संजय चौधरी (ब्लॉक अध्यक्ष मुरादनगर), लोनी से प्रदीप चौहान (जिला कोषाध्यक्ष), मीनू शर्मा (जिला महामंत्री महिला प्रकोष्ठ), पारस गोस्वामी (ब्लॉक अध्यक्ष लोनी), रजापुर से एसपी सिंह (वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष), अमित त्यागी (ब्लॉक अध्यक्ष महानगर), गीता ढींगरा (ब्लॉक अध्यक्ष रजापुर), सत्येंद्र सिंह (जिला संगठन मंत्री), दीपक चौबियान (जिला संगठन मंत्री) के नेतृत्व में सभी बसें रविवार सुबह जनपद गाजियाबाद से रवाना हुई।

जनपद से बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक एडेड स्कूल के शिक्षकों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। साथ ही डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, राजकीय नर्सिंग संघ ,जिला ऑप्टोमेट्रिक संघ ,टेक्नीशियन संघ, एक्स-रे टेक्निशियन संघ, उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ, लेखपाल संघ, यूपी जीएसटी, पीडब्लूडी, आवास विकास और रेलवे के हजारों अटेवियंस ने भी प्रतिभाग किया। रैली में हजारों मातृशक्तियों ने प्रतिभाग किया और जोरदार तरीके से पुरानी पेंशन की मांग की। राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु ने कहा सभी की एकजुटता के चलते ही सरकारी मुलाजिमों ने राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में अपनी पुरानी पेंशन की वापसी कराई है। कर्नाटक में राजग को सत्ता से बेदखल कर पुरानी पेंशन की बहाली का मार्ग प्रशस्त किया है। कुछ अन्य राज्यों में भी कुछ ऐसी ही स्थिति महसूस होने लगी है। इस वर्ष 2024 में देश की गद्दी का निर्णय होना है। सरकार और सत्ताधारी पार्टियां दवाब में हैं, इससे देश के शिक्षक और कर्मचारीगण उत्साहित हैं और आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

दिल्ली के रामलीला मैदान में देश के कौने कौने से सरकारी कर्मचारी पहुंचे हैं। ओपीएस की मांग को लेकर अभी तक की यह सबसे बड़ी रैली है। यह विशाल रैली, केवल पुरानी पेंशन बहाली के लिए है। केंद्र सरकार ने जो कमेटी गठित की है, जिसमें ओपीएस का तो कहीं पर जिक्र ही नहीं है। वह तो एनपीएस में सुधार के लिए है, जबकि कर्मचारी पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें ओपीएस से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। गाजियाबाद जिलाध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा, अब जीवन मरण का प्रश्न बन चुका है। जब पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है तो पूरे देश में क्यों नहीं। देश की आंतरिक और सीमा की सुरक्षा में तैनात सीएपीएफ जवानों को भी पुरानी पेंशन से वंचित रखा जा रहा है।