सर्राफा कारोबारी के सूदखोर भाई को बचाने में जुटी पुलिस

-एफआईआर दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं
-ब्याज पर पैसे देकर संपत्ति हड़पने में माहिर है शिवकुमार

गाजियाबाद। सर्राफा एसोसिएशन गाजियाबाद के संरक्षक के सूदखोर भाई को बचाने में पुलिस कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। खास बात यह है कि फरियादी की विवेचना का जिम्मा उस दरोगा को सौंपा गया है, जो पूर्व में आरोपी की मदद कर चुका है। इससे पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। यह भी आरोप है कि सर्राफा कारोबारी के भाई ने कई लोगों को ब्याज पर पैसा बांट रखा है। सर्राफा एसोसिएशन गाजियाबाद के संरक्षक राजकिशोर गुप्ता के भाई शिवकुमार बबली के खिलाफ थाना कविनगर में अदालत के आदेश में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। शिवकुमार पर सूदखोरी के नाम पर प्रताडि़त करने का आरोप है। शिवकुमार ने रुपए न लौटाने पर पूर्व में एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उसे जेल भिजवा दिया था। आरोप है कि शिवकुमार की पुलिस के साथ अच्छी सेटिंग है। सेटिंग के बल पर वह लंबे समय से सूदखोरी का काम कर रहा है।
शिवकुमार ने पीडि़त पर रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद उसके फ्लैट के फर्जी कागजात तैयार कर उनके जरिए फ्लैट को बेचने के लिए दूसरे व्यक्ति के नाम एग्रीमेंट कर दिया था।

पीडि़त चिरंजीव विहार फ्लैट नंबर-जीएफ-2 सेक्टर-8 निवासी राजीव बिल्ला पुत्र आरएस बिल्ला हैं। शिवकुमार के उत्पीडऩ से तंग आकर राजीव को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। राजीव बिल्ला ने शिवकुमार से फरवरी 2019 में 9 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। ब्याज पर रुपए लेने के दौरान 100 रुपए के स्टांप पर एग्रीमेंट, तीन चेक ब्लैंक, फ्लैट की रजिस्ट्री के कागज लिए गए। इसमें से 2 लाख रुपए बिल्ला ने 22 मई 2020 को उसे लौटा दिए। इस बीच रुपए देने की अवधि पूरी हो गई। बिल्ला ने शिवकुमार से समयावधि बढ़ाने की मांग की तो उसे धमकी दी गई। इसी बीच शिव कुमार ने फ्लैट के बैनामा के फर्जी कागजात तैयार कर फ्लैट को बेचने के लिए बैनामा कर दिया। बाद में शिवकुमार ने फर्जी तरीके से राजीव बिल्ला के खिलाफ थाना कविनगर में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा दिया था। इसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।

पीडि़त राजीव बिल्ला ने न्यायालय की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने शिवकुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया, मगर उसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालाकि पूछताछ के लिए उसे थाने में बुलाया गया और छोड़ दिया गया। शिवकुमार उर्फ बबली ऊंची ब्याज दर पर पैसा देता है तथा उसकी एवज में पीडि़त की प्रॉपर्टी के असल कागजात, ब्लैक स्टाम्प तथा ब्लैंक चैकों पर सिग्नेचर कराकर ले लेता है तथा मौका पाकर संपत्ति हड़प लेता है। यदि कोई विरोध करे तो उसके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर जेल भिजवा देता है। कुछ स्थानीय नेता भी शिवकुमार से मिले हुए हैं। इसी कारण अभी तक पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी नहीं की है। ब्याज का लाईसेंस ना होने के बावजूद भी ये खुलकर ब्याज का काम करता है। सूत्रों के अनुसार सूदखोर ने चौपला, दिल्ली, डासना गेट के कई व्यापारियों को भी अपनी ठगी का शिकार बनाया हुआ है। मगर ऊंची पहुंच के दम पर कई लोगों का कोर्ट में मामला चल रहा है तो कई लोग चुप्पी मारकर बैठे हुए है।