मास्टर प्लान-2031 का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करना जीडीए के लिए चुनौती

-जीडीए बोर्ड से 30 तक स्वीकृति कराकर शासन को उपलब्ध कराने के आदेश

गाजियाबाद। गाजियाबाद-मोदीनगर, मुरादनगर व लोनी को शामिल करते हुए तैयार किए गए मास्टर प्लान-2031 का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करना जीडीए के लिए अब बड़ा चुनौतीपूर्ण दिख रहा है। प्रदेश शासन में अपर मुख्य सचिव शहरी एवं आवास नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण ने मेरठ मंडल की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह को 30 सितंबर तक हर हाल में मास्टर प्लान को जीडीए बोर्ड से स्वीकृति कराकर शासन को उपलब्ध कराने के आदेश दिए है। मगर मास्टर-2031 में नए क्षेत्र को जोडऩे एवं इसकी खामियों को दूर कर पाना जीडीए के मानचित्र अनुभाग के लिए बड़ी चुनौतीपूर्ण दिख रहा है। शनिवार को मेरठ मंडल की मंडलायुक्त ने मास्टर प्लान-2031 को लेकर दिए गए बिंदुओं को लेकर जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी के साथ बैठक भी की थी। ऐसे में 30 सितंबर तक जीडीए बोर्ड बैठक से मास्टर प्लान-2031 को स्वीकृति कराकर शासन को भेज पाना टेढ़ी खीर दिख रहा है। दरअसल, मास्टर प्लान-2031 के तहत नए क्षेत्रों को शामिल करते हुए दीर्घकालिक विकास के लिए मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार किया गया हैं। तीन साल से अधिक समय से इसको लेकर कवायद चल रही है। मगर जीडीए के इस मास्टर प्लान की खामियां अभी तक दूर नहीं होने की वजह से जीडीए बोर्ड बैठक से इसकी स्वीकृति नहीं हो पाई हैं। जबकि अन्य जिलों के मास्टर प्लान को शासन की ओर से मंजूरी दी जा चुकी है।

मास्टर प्लान-2031 में मुख्य बिंदु नया कंस्ट्रक्शन जोन चिन्हित न होना, ट्रांसफर डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) क्षेत्र प्रस्तावित न होना, राजस्व दस्तावेजों में दर्ज जलाशयों को मास्टर प्लान में न दर्शाना,हाईवे व ट्रक बस टर्मिनल प्रस्तावित न करना, रैपिडएक्स रेल के विशेष विकास क्षेत्र व दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवेलपमेंट (टीओडी) जोन के जोनल प्लान में एनसीआरटीसी के सुझाव शामिल न करना, मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार करने वाली एजेंसी द्वारा कार्य में लापरवाही करना और प्रस्तावित मास्टर प्लान में जमीनों के क्षेत्रफल की सारिणी ठीक आदि खामियों के चलते मास्टर प्लान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार नहीं हो पा रहा हैं। टीओडी जोन का जोनल प्लान लगभग 1 लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल का तैयार किया जाएगा। रैपिडएक्स रेल कारिडोर के लिए टीओडी जोन के अनुसार कॉरिडोर के दोनों तरफ  500-500 मीटर और रैपिड रेल स्टेशन के 1.5 किलोमीटर तक के दायरे में मिक्स लैंड करने की योजना बनाई गई है।

मास्टर प्लान-2031 का जीडीए बोर्ड बैठक में ड्राफ्ट का प्रस्ताव पास नहीं होने की वजह से शहर में वेयरहाउस, लाजिस्टिक पार्क, ट्रांसपोर्टनगर, औद्योगिक पार्क,इंटर स्टेट टर्मिनल आदि छोटे-बड़े प्रोजेक्ट भी अभी तक परवान नहीं चढ़ पाए हैं। गाजियाबाद का पहली बार जियोग्राफिक इंफोरमेशन सिस्टम (जीआईएस) बेस्ड केंद्रीयकृत मास्टर प्लान-2031 तैयार कराया है। केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीएफ  कंसलटेंट ने इसके तीन ड्राफ्ट तैयार किए। इसमें गाजियाबाद-डासना, लोनी और मोदीनगर-मुरादनगर का ड्राफ्ट बनाया गया। मगर इसमें खामियों के चलते ऐसे में 30 सितंबर तक जीडीए बोर्ड बैठक से इसकी स्वीकृति कराकर शासन को भेज पाना आसान नहीं दिख रहा है। जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह का कहना है मास्टर प्लान-2031 में जो खामियां है,उन्हें जल्द दूर करने के लिए सीएटीपी व टाउन प्लानर को निर्देश दिए गए हैं। मंडलायुक्त द्वारा जिन बिंदुओं के बारे में बताया गया है। उन्हेंं शामिल कराते हुए जल्द इसका फाइनल ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा। ताकि 30 सितंबर तक जीडीए बोर्ड बैठक में इसकी स्वीकृति कराकर इसे शासन को भेजा जा सकें।