राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तीन दिवसीय शिविर में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता पर दिया बल

-हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति व हिंदू समाज के रक्षण के लिए संघ सदैव समर्पित: पद्म सिंह

गाजियाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शीत शिविर उन्नयन आइडीयल कॉलेज गोविन्दपुरम में प्रारंभ हुआ। जो कि रविवार तक चलेगा। जिसमें लगभग 800 गटनायक भाग लेेंगे। शिविर के द्वितीय दिवस शनिवार को शारीरिक प्रशिक्षण से प्रारंभ की गई। शिविर की शुरुआत आगमन के पश्चात उद्घाटन समारोह में द्वीप प्रज्वलन कर क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पद्म सिंह के उद्बोधन से हुआ। अपने उद्बोधन में पद्म सिंह ने कहा कि गट नायक संघ कार्य का आधार है। मैं क्या हूं यह पहचानना है।

हमें समाज को संघ से जोड़ने वाला व्यक्ति बनना है। शिविर में कम समय में सामूहिक जीवन जीने का प्रयास करते हैं। रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद से कहा था समाज में आध्यात्मिक चेतना जगानी है, दीन हीन की सेवा करनी है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु स्वामी विवेकानंद जी ने रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। स्वयं की चिंता छोड़ कर समाज की चिंता करने वाला स्वामी विवेकानंद बन जाता है। हमारा आचरण और स्वभाव ऐसा हो कि समाज आकर्षण पूर्वक हमसे जुड़े और यह आचरण 24 घंटे दिखना चाहिए। नम्रता के आगे समाज श्रद्धा से झुकता है। हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति व हिंदू समाज के रक्षण के लिए 24 घंटे समर्पित रहने वाला संघ का स्वयंसेवक है। साहिबजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह जैसी विजिगीषु वृत्ति हमारे अंदर हो। जिन्होंने गर्दन कटाया पर धर्म का त्याग नहीं किया। धर्म संस्कृति और समाज पर न्योछावर हो गए। स्वाभिमान त्याग कर जीने से अच्छा स्वाभिमान के साथ बलिदानी होना है। यह विजिगिषुवृत्ति प्रत्येक स्वयंसेवक सेवक के अंदर हो।

परिवार की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला बनें, असाधारण पुरुष की भांति साधना के बल पर राष्ट्र प्रतिष्ठा का कार्य करें।
साथ ही उन्होंने विवेकपूर्ण मोबाइल व टीवी का प्रयोग पर बल दिया। स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने, जन्मदिवस पर अपने संस्कृति का संस्मरण व उसके अनुरूप मनाने के अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने व उसका निरंतर देखभाल करने की बात कही। सामाजिक समरसता के लिए महापुरुषों के जीवन प्रसंग पर चर्चा, छुआछूत दूर करने का प्रयास करना, संपन्न परिवार द्वारा कमजोर परिवार का गोद लेना, उनके संपर्क में रहना, सतत उनके आना व उन्हें बुलाना। द्वितीय सत्र में क्षेत्रीय संघचालक सुर्यप्रकाश टोंक ने अपने उद्बोधन के माध्यम से संघ की कार्य पद्धति एवं प्रत्येक स्वयंसेवकों का राष्ट्रहित में सहभागिता एवं महत्व पर बल दिया। इस मौके पर प्रमुख आनंद, प्रान्त संपर्क प्रमुख विजय, एवं सह-संपर्क प्रमुख वेदप्रकाश सहित कई अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।