गाजियाबाद में 4 सीट पर भाजपा को कड़ी चुनौती, आसान नहीं जीत की राह

गाजियाबाद। भाजपा के लिए चुनावी मुकाबला इस बार ज्यादा आसान नहीं हैं। प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में भाजपा के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं। सबसे ज्यादा चुनौती गाजियाबाद सीट पर देखने को मिल रही है। विपक्ष और बागी भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत बनकर उभरे हैं। भाजपा ने बेशक मौजूदा विधायकों को पुन: टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है, मगर हालात अब पहले से कतई नहीं हैं। गाजियाबाद के अलावा साहिबाबाद, लोनी और मोदीनगर में भाजपा प्रत्याशी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

विपक्ष से निपटने और असंतुष्टों को साधने में भाजपा की रणनीति यदि कामयाब नहीं रही तो इन सीटों पर पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। जनपद गाजियाबाद में विधान सभा चुनाव की सरगर्मी जोरों पर है। गाजियाबाद जिले में प्रथम चरण के तहत 10 फरवरी को मतदान होना है। गाजियाबाद में विधान सभा की 5 सीट हैं। भाजपा ने पांचों सीट पर एक साथ उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। भाजपा ने मौजूदा विधायकों पर भरोसा जताकर उन्हें पुन: चुनाव मैदान में उतारा है, मगर मौजूदा परिस्थितियों पार्टी के अनुकूल दिखाई नहीं दे रही हैं।

सबसे ज्यादा विरोध गाजियाबाद शहर में देखने को मिल रहा है। भाजपा छोड़कर बसपा में आए केके शर्मा टिकट पाने में कामयाब हो चुके हैं। शुक्ला ने नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है। निश्चित रूप से वह भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। इसके अलावा भाजपा से असंतुष्ट आशुतोष गुप्ता सहित 2 व्यक्तियों ने गाजियाबाद सीट से नामांकन भरा है। इसके अलावा साहिबाबाद सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुनील शर्मा को सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी अमरपाल शर्मा के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. सपना बंसल से कड़ी टक्कर मिलना तय है।

साहिबाबाद सीट पर अमरपाल शर्मा का अपना मजबूत वोट बैंक हैं। जबकि डॉ. सपना बंसल को अग्रवाल और वैश्य समाज के विभिन्न संगठनों का समर्थन हासिल है। साहिबाबाद विधान सभा क्षेत्र में अग्रवाल और वैश्य समाज के मतदाताओं की संख्या साढ़े तीन लाख से अधिक बताई जाती है। सुनील शर्मा के खिलाफ पिछले दिनों विभिन्न संगठनों ने सड़कों पर आकर विरोध-प्रदर्शन भी किया था। वहीं, लोनी में भाजपा प्रत्याशी नंदकिशोर गुर्जर की राह भी आसान नहीं दिख रही है। लोनी नगर पालिका परिषद की चेयरमैन रंजीता धामा ने भाजपा को अलविदा कर दिया है।

वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतर चुकी हैं। नामांकन करने के साथ उन्होंने भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा उम्मीदवार नंदकिशोर गुर्जर पर जमकर निशाना भी साधा है। इसके अलावा लोनी से पूर्व विधायक और सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी मदन भैया भी भाजपा को कड़ी चुनौती देने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा मोदीनगर में भाजपा उम्मीदवार डॉ. मंजू सिवाच को पूर्व विधायक सुदेश शर्मा से कड़ी चुनौती मिलना तय है। सुदेश शर्मा की मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है। अलबत्ता गाजियाबाद जिले की पांच में चार सीट पर भाजपा प्रत्याशियों के लिए जीत की राह इतनी आसान नहीं है।