जीडीए से पीडि़त व्यापारियों ने व्यापारी कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश के निवर्तमान उपाध्यक्ष से की मुलाकात

-एनसीआर में चार मंजिल बिल्डिंग बनाने की मांग
-आम आदमी के आशियाने के सपनों पर जीडीए फेर रहा पानी

गाजियाबाद। ट्रांस हिंडन बिल्डर वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन तथा व्यापारी एकता समिति इंदिरापुरम के संयोजक प्रदीप गुप्ता, व्यापारी एकता समिति से सरवन कुमार गर्ग, व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान वैशाली के अध्यक्ष संजय रस्तोगी ने इंदिरापुरम वैशाली में काम रोके जाने को लेकर तथा ट्रांस हिंडन एरिया में 90 मीटर और उसके ऊपर के प्लॉट पर पार्किंग तथा चार मंजिल फ्लोर बनाने के प्रावधान को लेकर लेकर जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह एवं सचिव बृजेश सिंह व अपर सचिव सीपी त्रिपाठी से मुलाकात कर समस्या से संबधित बिल्डरों की मांग को लेकर पत्र सौंपा। लेकिन वहां से कोई राहत नही मिलने पर शुक्रवार को फिर ट्रांस हिंडन बिल्डर वेलफेयर एसोसिएशन, व्यापारी एकता समिति इंदिरापुरम, व्यापारी एकता समिति के पदाधिकारियों ने व्यापारी कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश के निवर्तमान उपाध्यक्ष अशोक गोयल से उनके निवास पर मुलाकात की। जहां उन्हें पत्र सौंप कर बिल्डरों की पीड़ा से अवगत कराया गया।

ज्ञात हो कि ट्रांस हिंडन बिल्डर एसोसिएशन लंबे समय से ट्रांस हिंडन एरिया में दिल्ली और हरियाणा की तरह 90 मीटर और उससे बड़े प्लॉट पर स्टील पार्किंग के साथ चार मंजिल फ्लोर बनाने की मांग कर रहा है। जिसे अभी तक शासन और प्रशासन नजर अंदाज कर रहा है। संयोजक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि जीडीए चाहता है कि अवैध निर्माण न हो सकें, मगर बिना बाइलॉज में परिवर्तित करें इसको रोक पाना तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि यहां पर जमीनों की कीमतें काफी महंगी है और लगभग 20 वर्षों से फ्लैट या फ्लोर बनाने का प्रचलन है। इसलिए कम कीमत पर आम आदमी का मकान का सपना कम एफएआर और केवल तीन मंजिल बनाने की अनुमति देने से पूरा करना संभव नही है। इसलिए यहां के बाइलॉज को ठीक किया जाना जरूरी है। गाजियाबाद एक स्मार्ट सिटी है और यहां के ट्रांस हिंडन क्षेत्र में अधिकतम जनसंख्या दिल्ली में नौकरी या व्यापार करते है।

मगर यहां पर जीडीए द्वारा सिंगल यूनिट के प्लॉट आवंटित किए जाने के कारण तथा उनमें डेढ़ सौ मीटर तक के प्लॉट पर पार्किंग का प्रावधान ना होने के चलते यहां के निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी एफएआर बढ़ाने के स्थान पर निरंतर कम होती जा रही है। महंगी जमीन को देखते हुए आम आदमी को कम कीमत में मकान उपलब्ध हो सकें, इसी को ध्यान में रखते हुए 2014 में यहां पर पार्किंग के साथ चार मंजिल का प्रावधान किया गया था। जिसमें एफएआर बढ़ाकर 3 की गई थी, परंतु 2017 में यहां पर दोबारा से एफएआर कम कर दी गई और डेढ़ सौ मीटर तक पार्किंग को भी खत्म कर दिया गया। जबकि एनसीआर की सभी कॉलोनी दिल्ली, गुडग़ांव, फरीदाबाद आदि सभी जगह जमीन मंहगी होने के कारण पार्किंग के साथ चार मंजिल बनाने का प्रावधान है। इसलिए गाजियाबाद में भी इसका प्रावधान जरुरी है।

व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान वैशाली के अध्यक्ष संजय रस्तोगी ने बताया कि अगर इसी तरह इंदिरापुरम वैशाली में बिल्डरों का शोषण होता रहा तो बिल्डर सड़क पर आ जाएंगे और उनके साथ-साथ काम करने वाले मजदूर व कर्मचारी भी बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा जब सरकार बिल्डर को राहत देगी तभी बिल्डर भी प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने में अपना योगदान दे सकेंगा। पिछले दो वर्षों में कोरोना के चलते पहले ही बिल्डरों की हालत बहुत ही दयनीय हुई है। व्यापार को पटरी पर लाने के लिए सरकार को भी बिल्डरों के हित के बारे में सोचना पड़ेगा। बिल्डिग़ बनाने में लाखों रुपए खर्च हो जाते है और जीडीए की टीम आकर उसे पल भर में तोड़ देती है। व्यापारियों का शोषण बिल्कुल भी बर्दास्त नही किया जाएगा। अगर इसी तरह व्यापारियों का शोषण होना पड़ा तो बिल्डरों को मजबूरन सड़क पर आकर आंदोलन करना पड़ेगा।