पोस मशीन से शराब बिक्री में अनुज्ञापियों को आ रही परेशानी हुई दूर

-आबकारी विभाग के नेतृत्व में ओएसिस के डिविजनल मैनेजर, जनपदीय इंजीनियरों ने अनुज्ञापियों को दिया प्रशिक्षण

गाजियाबाद। जिले में अब शराब की दुकानों पर ओवररेटिग का खेल नहीं चलेगा। इतना ही नहीं अंग्रेजी हो या फिर देशी शराब या बीयर, नकली शराब की बिक्री पर भी नकेल लग जाएगी। शराब की दुकानों पर प्वाइंट आफ सेल (पोस) मशीन लगाई जा रही है। जिले में शराब में ओवर रेटिंग और नकली शराब की बिक्री को रोकने के लिए ई-पॉस मशीन के जरिए बिक्री अनिवार्य कर दी गई है। जिला आबकारी विभाग ने सभी लाइसेंस धारकों को मशीन दे दी है जिनके जरिए सेल्समैन को शराब की बिक्री करने से पहले क्यूआर कोड को ई-पॉस मशीन से स्कैन करना होगा। दरअसल शिकायतों पर अंकुश लगाने का तरीका आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों पर प्वाइंट आफ सेल मशीन लगाई है। शराब दुकानों पर जैसे ही शराब की आपूर्ति और बिक्री होगी, पेटी का बार कोड स्कैन किया जाएगा। बिक्री बोतल के बार कोड स्कैन कर की जाएगी। इसी के साथ बिक्री का संपूर्ण ब्योरा आबकारी विभाग के पोर्टल पर दर्ज हो जाएगा। दफ्तर में बैठे ही आबकारी विभाग के अधिकारी यह जान जाएंगे किस दुकान पर पूरे दिन में कौन कौन सी ब्रांड की शराब बेची गई।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन में शुक्रवार को आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, आशीष पाण्डेय, राकेश त्रिपाठी, त्रिवेणी प्रसाद मौर्या, त्रिभुवन सिंह हयांकी, सेवा प्रदाता ओएसिस के डिविजनल मैनेजर, जनपद के ओएसिस इंजीनियर, थोक एवं फुटकर अनुज्ञापी व उनके प्रतिनिधियों के साथ इन्डेन्ट लगाने में आ रही समस्याओं, रिटेल पर बिक्री करने में आ रही समस्याओं और निराकरण के लिए सेवा प्रदाता कंपनी ओएसिस मंडलीय तथा जनपद के कर्मचारियों के साथ बैठक की गई। थोक अनुज्ञापियों को फुटकर विक्रेता द्वारा इन्डेन्ट जेनरेट करने तथा उसके पश्चात परिवहन पास जारी किये जाने तथा विक्रेताओं द्वारा निकासी को अपने स्टाक में रोल ओवर करने संबंधी समूह प्रक्रिया का वास्तविक प्रदर्शन किया गया।

थोक एवं फुटकर अनुज्ञापियों ने बैठक में बताया कि शराब दुकानों पर लगाई गई मशीनें चल नहीं पा रही। नई तकनीक वाली मशीनों के लिए संसाधनों की भी कमी है। उसके लिए कर्मचारी प्रशिक्षित भी नहीं है। शराब दुकान पर आपूर्ति लेने और बिक्री करने में पोस मशीन से बार कोड स्कैन करने में दिक्कतें आ रही है। इसका सीधा असर शराब बिक्री पर पड़ रहा है। अनुज्ञापियों की समस्या को सुनकर सेवा प्रदाता ओएसिस के डिविजनल मैनेजर, जनपद के ओएसिस इंजीनियर ने उन्हें प्रशिक्षण दिया और पोस मशीन में आने वाली समस्याओं के समाधान आश्वान दिया। बैठक में समस्याओं के संबंध में तत्कालीन निराकरण के लिए विचार विमर्श किया गया। जिससे त्योहारी सीजन के समय पर निकासी पर कोई प्रभाव न पड़े। इसके अतिरिक्त विक्रेताओं के समक्ष आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया जिले में बियर, अंग्रेजी व देसी शराब की कुल 511 दुकानें हैं। जिले में शराब बिक्री से राजस्व संग्रह अन्य कई जिलों से बेहतर है। पोस मशीन के संबंध में शराब ठेकेदारों की बैठक बुलाकर उन्हें प्रशिक्षित किय गया और उन्हें आनी वाली समस्याओं का भी निस्तारण किया गया। देसी, विदेशी, बीयर और मॉडल शॉप की दुकानों को ई-पॉस मशीन से ही बिक्री सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। ई-पॉस मशीन से बिक्री होने से नकली शराब की बिक्री पर लगाम लग सकेगी। दुकानदार स्टॉक में गोलमाल भी नहीं कर सकेंगे।