UPIDA-यूपीसीडा का प्रयास, औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ेगा भू-जल स्तर

-सहायक महाप्रबंधक ने उद्यमियों को दिए निर्देश

UPIDA-गाजियाबाद। औद्योगिक क्षेत्रों में भू-जल स्तर को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने अह्म कदम उठाया है। इसके तहत सभी फैक्ट्रियों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराने के निर्देश दिए गए हैं। उद्यमियों को इस बावत पत्र भेजा गया है। यूपीसीडा की सहायक महाप्रबंधक डॉ. स्मिता सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूपीसीडा क्षेत्र अंतर्गत सभी फैक्ट्रियों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराए जाएंगे। उद्यमियों को फैक्ट्री में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए निर्देश दिए गए है। ताकि बरसात के पानी को संरक्षित कर भू-जल स्तर बढ़ाया जा सके। जिले में भू-गर्भ जल स्तर लगातार कम हो रहा है। वहीं, उद्यमियों को फैक्ट्री प्र्रांगण एवं बाहर के क्षेत्र में कम से कम दो पौधे लगाने के लिए कहा गया है। पर्यावरण को बढ़ावा देने एवं औद्योगिक क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण किया जाना जरूरी हैं।
अनलॉक होने के बाद जिले में 95 फीसद तक फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं। सभी फैक्ट्रियों मेंं नियमित रूप से प्रोडक्शन जारी है। ऐसे में बरसात के मौसम में पानी को संरक्षित करने के लिए अब उद्यमियों को शत-प्रतिशत फैक्ट्रियों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराने होंगे। हालांकि यूपीसीडा से स्वीकृत कराए जाने वाले नक्शे में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की शर्त लागू होती है। मगर बहुत संख्या में उद्यमी इसे नहीं लगा पा रहे है। ऐसे में अब सभी उद्यमियों को सिस्टम लगाने के लिए दिशा-निर्देश विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।
यूपीसीडा की सहायक महाप्रबंधक डॉ.स्मिता सिंह का कहना है कि यूपीसीडा क्षेत्र अंतर्गत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लॉकडाउन लागू होने के बाद जहां 90 फीसद फैक्ट्रियां संचालित रहीं। वहीं,अब अधिकांश इकाइयों में नियमित रूप से प्रोडक्शन शुरू हैं। श्रमिकों की भी अब कोई दिक्कत उद्यमियों को नहीं है। जिले में यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 11 हजार छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं। इनमें करीब 1.50 लाख श्रमिक कार्यरत हैं।उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ फैक्ट्रियों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम उद्यमियों द्वारा लगाए गए है। मगर जिन फैक्ट्रियों में सिस्टम स्थापित नहीं है। उनमें सिस्टम लगाने के लिए निर्देश दिए गए है। ताकि बरसात में पानी का संरक्षित किया जा सके। इससे भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने में सहायक होगा। उद्योग क्रियान्वित होने के चलते प्रोडक्शन में अब कोई दिक्कत नहीं है। सहायक महाप्रबंधक ने बताया कि साउथ साइड ऑफ जीटी रोड, मेरठ रोड, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र,मोहननगर, ट्रॉनिका सिटी, उद्योग कुंज,कविनगर औद्योगिक क्षेत्र, साईट-4 साहिबाबाद, मसूरी-गुलावठी आदि औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित अधिकांश फैक्ट्री चालू होने के बाद अब रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को आवश्यक रूप से स्थापित करने के लिए उद्यमियों को कहा गया है। इसके अलावा फैक्ट्री प्रांगण एवं बाहर दो-दो पौधे लगाने के लिए निर्देश दिए गए है। फैक्ट्रियों में पहले की तरह प्रोडक्शन शुरू है। करीब 5606 इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क भी बनाई गई हैं। इनमें कोरोना से बचाव के लिए चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराने के लिए सभी औद्योगिक क्षेत्रों में निरीक्षण कर उद्यमियों को सिस्टम स्थापित कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे। ताकि सभी फैक्ट्रियों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित होने के बाद सुचारू रूप से बरसात के पानी को संरक्षित कर भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने में सहायक बन सकें।