चंडीगढ से शराब खरीदकर क्षेत्र में करता था सप्लाई, गिरफ्तार

चुनाव को लेकर आबकारी विभाग ने चलाया चेकिंग अभियान

गौतमबुद्ध नगर। नगरीय चुनाव को लेकर आबकारी विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। जिला आबकारी अधिकारी के नेतृत्व में हाईवे, चेक पोस्ट पर चेकिंग अभियान चलाया गया। चुनाव में शराब की खपत की आशंका को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर विशेष नजर है। चेक पोस्ट से गुजरने वाले सभी वाहनों की जांच की जा रही है। गुरुवार को शहर के कई संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की गई। इसके अलावा शराब की दुकानों पर भी चेकिग की गई। दुकानों पर सेल्समैनों को अवैध शराब की बिक्री करते पाए जाने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई।

चुनावों को दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है। कई बार राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए अवैध तरीके से शराब बांटते है। चुनाव के दौरान अक्सर शराब की बिक्री में भी बढ़ोतरी देखी जाती है। इसी पर लगाम कसने के इरादे से आबकारी विभाग ने ये कदम उठाया है। विभाग की ओर से आचार संहिता लगने के बाद से ही 14 मई तक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने बताया कि गुरुवार को आबकारी निरीक्षक पीसी दीक्षित की टीम व कासना थाना के उप निरीक्षक सोहनवीर की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम-सलेमपुर जाने वाले मार्ग पर चेकिंग अभियान चलाया गया। चेकिंग के दौरान चंडीगढ से शराब लाकर क्षेत्र में सप्लाई कर रहे तस्कर सुमित उर्फ काशी पुत्र राजू, निवासी ग्राम घंगोला गौतमबुद नगर को गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से 48 पौवे 555 गोल्ड व्हिस्की फार सेल इन चंडीगढ विदेशी शराब बरामद किया गया। जिसके खिलाफ थाना कासना में आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने बताया कि चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए शराब परोसी जा सकती है। इसके मद्देनजर विक्रेता भी बार-बार दुकान पर पहुंचकर शराब की खरीदारी करने वाले लोगों की जानकारी भी विभाग को देनी होगी। अनुज्ञापियों को निर्देशित किया गया है कि सुबह दुकान खुलने पर प्रारंभिक स्टॉक व शाम को कुल बिक्री व बचत का ब्योरा प्रतिदिन उपलब्ध कराना होगा। दुकान व कैंटीन पर खाली शीशियां, सूजा व इस प्रकार का अन्य कोई सामान न रखा जाए। साथ ही विदेशी मदिरा व बीयर की दुकानों के बाहर खड़े होकर शराब पीने पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाए। सभी अनुज्ञापी अपने विक्रेताओं पर नजर रखें। जिससे शराब व बीयर पर होने वाली ओवर रेटिंग को रोका जा सकें।