गाजियाबाद में कूड़ा उठान हुआ बंद नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ बोले समस्या का जल्द करेंगे समाधान स्वच्छता सर्वेक्षण में बिगड़ सकती है रैंकिंग

कूड़े को लेकर विवाद होने के बाद से मोरटा स्थित मौजूदा डंपिंग ग्राउंड के जमीन के मालिक ने डंपिंग साइट पर ताला जड़ दिया। जिसके बाद से शहर में कूड़ा उठना बंद हो गया है। गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल द्वारा दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डंप किया जाने के आरोपों पर दिल्ली नगर निगम ने बयान जारी किया। दिल्ली नगर निगम ने सभी तरह के आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि ना तो एमसीडी द्वारा गाजियाबाद में कूड़ा डाला जा रहा है और ना ही एमसीडी के वाहनों का वहां इस्तेमाल किया जा रहा है। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने बताया कि कूड़ा डंप करने को लेकर जमीन की तलाश की जा रही है। कई लोगों से वार्ता की गई है, जल्द ही एग्रीमेंट कर लिया जाएगा। कूड़े को लेकर चल रहा हालिया विवाद से गाजियाबाद की स्वच्छता रैंकिंग भी प्रभावित होगी।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
गाजियाबाद। पिछले कुछ दिनों से कूड़े को लेकर मची रार का असर शहर की सफाई व्यवस्था पर दिखना शुरू हो गया है। विगत दो दिनों से कूड़ा उठान बंद है। ऐसे में यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं ढूंढ़ा गया तो आगे स्थिति भयावह हो सकती है। कांवड़ यात्रा और स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है। अधिकारियों को इस बात की चिंता सता रही है कि यदि कुछ और दिनों तक कूड़ा उठान बंद रहा तो इसका असर स्वच्छता सर्वेक्षण पर पड़ेगा और नगर निगम की अब तक की मेहनत पर पानी फिर सकता है। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने दावा किया है कि समस्या का जल्द समाधान ढूढ़ लिया जाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि कूड़ा डंप करने को लेकर जमीन की तलाश की जा रही है। कई लोगों से वार्ता की गई है, जल्द ही एग्रीमेंट कर लिया जाएगा।

उधर, इस मामले में राजनीति भी गर्म हो रही है। गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल द्वारा दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डंप किया जाने के आरोपों पर दिल्ली नगर निगम ने बयान जारी किया। दिल्ली नगर निगम ने सभी तरह के आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि ना तो एमसीडी द्वारा गाजियाबाद में कूड़ा डाला जा रहा है और ना ही एमसीडी के वाहनों का वहां इस्तेमाल किया जा रहा है। विदित हो कि तीन दिन पूर्व गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 9 ट्रक को कूड़ा डंप करते हुए पकड़ने का दावा किया था। इस मामले में गाजियाबाद के नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ. मिथलेश द्वारा मेयर के निर्देश पर मैसर्स जीरोन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ नंदग्राम थाने में एफआईआर दर्ज कराया था। कूड़े को लेकर विवाद होने के बाद से मोरटा स्थित मौजूदा डंपिंग ग्राउंड के जमीन के मालिक ने डंपिंग साइट पर ताला जड़ दिया। जिसके बाद से शहर में कूड़ा उठना बंद हो गया है।

मोरटा डंपिंग ग्राउंड के जमीन के मालिक कंपनी द्वारा मोरटा में विनीत त्यागी का कहना है कि उनके साथ जो करार हुआ था वह खत्म हो गया है। वर्तमान में जिस तरह से विवाद हो रहा है ऐसे में विनीत त्यागी को डर सता रहा है कि उन्हें किराया मिलना बंद हो जाएगा। उधर, कूड़ा डंपिंग के लिए जमीन का किराया भी डबल किये जाने की बात कही जा रही है। इससे नगर निगम पर आर्थिक बोझ और बढ़ जाएगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की करनी का खामियाजा गाजियाबाद नगर निगम को भुगतना पड़ रहा है। जीडीए पर शहर के सुनियोजित विकास की जिम्मेदारी है। जीडीए को शहर के कूड़ा के निस्तारण के लिए डंपिंग ग्राउंड बनाकर देना था। लेकिन सिर्फ बिल्डरों पर मेहरबान जीडीए ने शहरवासियों के लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

नगर निगम मेंटीनेंस बॉडी है और निगम के पास सीमित संसाधन हैं। ऐसे में लगभग 25 लाख से अधिक की आबादी वाले गाजियाबाद शहर के कूड़े का निस्तारण चुनौती बन गई है। कूड़े को लेकर चल रहे राजनैतिक रस्सा-कस्सी ने नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ के समक्ष भी चुनौती खड़ी कर दी है। कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है ऐसे में स्थिति को जल्द संभालना बेहद जरूरी है। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में डॉ. गौड़ ने कहा कि जो चुनौतिया हैं उससे निपटने के लिए प्रयास किया जा रहा है। पत्रकारों के सवालों के जवाब में नगर आयुक्त ने बताया कि एमसीडी की गाड़ी में कूड़ा था या फिर आरडीएफ को मुरादनगर क्षेत्र में बने डंपिंग ग्राउंड में डालने के लिए लाया जा रहा था। यह जांच का विषय है। मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र के मोरटा के पास 48 बीघा जमीन का नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण के लिए जो अनुबंध किया था वह भी 30 जून 2023 को समाप्त हो चुका है। अब देखना होगा कि क्या यह अनुबंध आगे जारी रहता है या फिर यहीं पर समाप्त हो जाता है। अनुबंध आगे जारी ना रहने की स्थिति में शहर से निकलने वाला करीब 1400 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण करना नगर निगम के लिए टेढ़ी खीर होगा। हापुड़ जनपद के पिलखुवा क्षेत्र के गांव गालंद में 32 एकड़ जमीन पर वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट नीदरलैंड की जीएस इंटरनेशनल कंपनी को लगाना है। मगर वहां के किसानों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। गालंद में भी डंपिंग ग्राउंड बनने के अभी कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। गाजियाबाद नगर निगम का हमेशा से भाजपा का शासन रहा है और मेयर भाजपा के रहे हैं।  गाजियाबाद के एमपी और एमएलए भी भाजपा से हैं। फिर भी कोई शहरवासियों के लिए कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं।

स्वच्छ शहरों की सूची में गाजियाबाद प्रदेश में पहला और देश में 13वें स्थान पर है। विगत कुछ वर्षों में शहर की सफाई व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन हुए हैं। पहले जहां गाजियाबाद में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहते थे अब शहर स्वच्छ और सुंदर दिखाई देता है। पहले नगर निगम की गाड़िया कॉलोनी के अंदर कूड़ा उठाने नहीं जाती थी वहीं अब नगर निगम घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित कर रहा है। शहर के सभी वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है। शहर में 450 कूड़ा स्थलों को विलुप्त किया गया है। सफाई व्यवस्था सुधारने को लेकर नगर निगम द्वारा किये गये प्रयासों का असर स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग पर भी पड़ा। ऐसे में कूड़े को लेकर चल रहा हालिया विवाद से गाजियाबाद की स्वच्छता रैंकिंग भी प्रभावित होगी।

गाजियाबाद-दिल्ली कूड़ा विवाद पर एमसीडी का जवाब

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने गाजियाबाद मेयर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डाले जाने की बात कही जा रही है। जो कि सही नहीं है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल साइट पर मौजूद पहले से जमा कूड़े के बायो माइनिंग कार्य का एक एकीकृत ठेका एक कंपनी को दिया है। इसके तहत, अनुबंधित फर्म ही कूड़े की बायोमाइनिंग और इससे अलग किए गए कूड़े के विभिन्न भागों का तय मानकों के अनुरूप निस्तारण करने के लिए जिम्मेदार है। बायोमाइनिंग प्रक्रिया से निकलने वाले रिफ्यूज्ड डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) सामग्री के निस्तारण के लिए इसी कंपनी द्वारा गाजियाबाद स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र में कुछ व्यवस्था की गई है। विदित हो कि वेस्ट टू एनर्जी संयंत्रों में आरडीएफ सामग्री के उपयोग की अनुमति होती है। इस मामले में गाजियाबाद के नंदग्राम थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। ऐसे में पुलिस की जांच में पता चलेगा कि ट्रकों में कूड़ा था या आरडीएफ। उधर, गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल अभी भी अपने आरोपों पर अडिग है। मेयर का कहना है कि उन्होंने जिन ट्रकों को पकड़ा है वह दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डंप कर रही थी। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोषी हैं। केजरीवाल झूठे हैं, उन्होंने दिल्ली का कूड़ा कम करने के लिए कूड़े को गाजियाबाद में डंप करवाया है।