कर्नाटक में सरकारी कामकाज में भी हो हिंदी भाषा का प्रचलन: तरूण मिश्र

-कनार्टक के राज्यपाल से अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ने की मुलाकात

उदय भूमि संवाददाता
बेंगलुरु।
एक दिन का हिंदी दिवस या फिर हिंदी पखवारा मनाने से हिंदी को वह दर्जा नहीं मिल सकता, जो उसे मिलना चाहिए। हिंदी राष्ट्रभाषा का प्रचल्लन पूरे देश में होना चाहिए। हिंदी भाषा हमें स्नेह, ममता, प्रेम, करुणा और प्यार करना सिखाती है। पूरे परिवार, समाज को एक कड़ी में बांधकर रखना सिखाती है। हम आज दिनचर्या में भी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, जो देशहित में नहीं है। हिंदी भाषा अच्छी तरह बोलने और लिखने वालों की संख्या दिनोंदिन कम होती जा रही है। यह बातें गुरूवार को अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ने कनार्टक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के साथ मुलाकात के दौरान कहीं। उन्होंने कहा हिन्दी न सिर्फ हमारी मातृभाषा है बल्कि यह भारत की राजभाषा भी है। इसलिए इसका सम्मान करते हुए अपने कार्यो में हिन्दी के प्रयोग को आवश्यक तौर पर अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा राजधानी बेंगलुरु में कन्नड़ या फिर अग्रेंजी भाषा का प्रच्चलन है। मगर अन्य राज्यों से आने व्यक्तियों को यहां पर नकारा समझा जाता है। महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ने कनार्टक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से सरकारी कामकाज में हिंदी भाषा प्रयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को भारत संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। सरकारी कामकाज में हिन्दी का प्रयोग जरूरी है। तब से लेकर सरकारी कार्यालयों में हिन्दी के प्रयोग को निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। हिन्दी न सिर्फ हमारी मातृभाषा है बल्कि यह भारत की राजभाषा भी है। इसलिए इसका सम्मान करते हुए अपने कार्यो में हिन्दी के प्रयोग को आवश्यक तौर पर अपनाया जाना चाहिए। जिसकी शुरूआत सरकारी कामकाज से होना बेहद जरूरी है। तभी देश को भी नागरिकों का हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और लगाव बढ़ेगा। तरुण मिश्र ने ब्राह्मण समाज के कल्याण के लिए कर्नाटक में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बताया ब्राह्मण समाज की आर्थिक स्थिति बेहद ही दयनीय होती जा रही है। जिसका जीविका पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है, लेकिन सवर्ण होने के नाते उन्हें सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही है। ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की स्थापना होने से ब्राह्मण समाज की स्थिति में भी सुधार आएगा। बता दें कि अखिल भारतवर्षीय ब्राहण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर पूरे देश में अभियान चला रहे हैं। जिसके लिए वह विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री एवं राजनैतिक पार्टियों के  प्रमुख से मुलाकात कर चुके है। बीते सप्ताह तरुण मिश्र नेपाल की पांच दिवसीय यात्रा से लौटे हैं। नेपाल में तरुण मिश्र ने वहां के प्रधानमंत्री, राजनीतिक पार्टियों के नेता एवं ब्राह्मण समाज के प्रमुख लोगों के साथ मुलाकात की। नेपाल में ब्राह्मण समाज को किस तरह से मजबूत किया जाए इस पर भी विचार मंथन हुआ। बता दें कि अखिल भारतवर्षीय ब्राहण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर पूरे देश में अभियान चला रहे हैं। जिसके लिए वह विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री एवं राजनैतिक पार्टियों के प्रमुख से मुलाकात कर चुके है। बीते सप्ताह तरुण मिश्र नेपाल की पांच दिवसीय यात्रा से लौटे हैं। नेपाल में तरुण मिश्र ने वहां के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, राजनीतिक पार्टियों के नेता एवं ब्राह्मण समाज के प्रमुख लोगों के साथ मुलाकात की। भारत के साथ-साथ नेपाल में भी ब्राह्मण समाज को किस तरह से मजबूत किया जाए इस पर भी विचार मंथन हुआ।