आईटीएस डेंटल कॉलेज में क्लीनिकल एकेडमिक एनहांसमेंट कोर्स के दूसरे मॉड्यूल का आयोजन

100 बीडीएस इंटर्न्स ने लिया भाग, छात्रों को दी दंत चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम उपचार की जानकारी

गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ रोड़ स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज मुरादनगर के ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी, ओरल पैथोलॉजी एवं पब्लिक हैल्थ डेंटिस्ट्री विभागों के द्वारा बीडीएस इंटर्न्स के लिए गुरुवार को दो दिवसीय क्लीनिकल एकेडमिक एनहेन्समेंट कोर्स के दूसरे मॉड्यूल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 100 इंटर्न्स ने भाग लिया। जिसमें छात्रों को तीन समूह में विभाजित किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उनके क्लीनिकल ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ उन्हें नवीनतम उपचार की प्रक्रियाओं से अवगत कराना था। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पहले समूह को ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी विभाग की फैकल्टी द्वारा ”इमर्जिंग रोल ऑफ सीबीसीटी- ए. 3डी. इमेजिंग मोडेलिटी इन डेंटिस्ट्री” विषय पर विभिन्न व्याख्या एवं हैंड्स-ऑन प्रस्तुत किए गए। जिसमें उन्होंने सभी छात्रों को सी.बी.सी.टी. के उपयोग की मूल प्रक्रिया के बारे में पूर्ण जानकारी दी गई। इसके साथ ही उन्होंने सी.बी.सी.टी. के प्रमुख और अन्य 2डी. और 3डी. इमेजिंग तौर-तरीकों के अंतर को रेखांकित किया और छात्रों को इमेज इंटरप्रिटेशन, नर्व ट्रेसिंग और आर्टिफैक्ट्स के बारे में प्रशिक्षित किया।

इसके साथ ही छात्रों को इम्प्लांट प्लानिंग करने में सी.बी.सी.टी. की भूमिका पर हैंड्स-ऑन दिया गया और इसके साथ-साथ सिर और गर्दन के हिस्से के विभिन्न प्रकार की हड्डी की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए सी.बी.सी.टी. सॉफ्टवेयर का अभ्यास करने के साथ छात्रों को इमेज को पढऩे एवं व्याख्या करने के लिए भी प्रशिक्षित किया। ओरल पैथोलॉजी विभाग की फैकल्टी द्वारा भी ”अटैनिंग द मैक्सिमम प्रिसिशन इ नचेयर साइड एंड नॉन इनवेसिव मेथोडोलोजिज इन डायग्नोसिस एंड रिसर्च” विषय पर विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।

जिसमें उन्होंने सभी छात्रों को बताया की वह कैसे दंत चिकित्सा के अभ्यास में रिसर्च एवं विभिन्न प्रकार के अध्ययन करके अपने ज्ञान को बढ़ा सकते है। इसके साथ ही उन्होंने पीसीआर कार्यप्रणाली और मौलिक अनुसंधान में इसके महत्व के बारे में छात्रों को अवगत कराया और छात्रों को जीनोमिक्स की भूमिका के बारें मे भी बताया गया। पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग की फैकल्टी द्वारा भी सभी छात्रों को ”पेरियोडोंटल डिजीज, ओरल कैंसर और टूथ वियर रिस्क असेसमेंट” विषय पर विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।

जिसमें उन्होंने छात्रों को इस विषय से जुड़े जोखिमों एवं उसके मूल्यांकन से अवगत कराया और छात्रों को पेरियोडोंटल रिस्क असेसमेंट टूल का उपयोग करके पेरियोडोंटल रिस्क असेसमेंट पर हैंड्स-ऑन दिया गया। इसके बाद छात्रों ने विशेषज्ञ की निगरानी में रोगियों पर इसका अभ्यास भी किया। इसके बाद छात्रों को कैम्ब्रा विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया और छात्रों को मरीज पर बेसिक इरोसिव वेयर एग्जामिनेशन (बीईडब्ल्यूई) और टूथ वियर इवैल्यूएशन सिस्टम का उपयोग करके टूथ वियर रिस्क असेसमेंट पर एक हैंड्स-ऑन दिया, डेमोंस्ट्रेशन भी दिया गया।

जिसके उपयोग से सभी छात्र रोगियों को बेहतर उपचार प्रदान कर सकते है।