काम में कोताही, लापरवाह बाबू पर गिरी गाज

सीईओ के निरीक्षण के बाद गंवानी पड़ी नौकरी

ग्रेटर नोएडा। यमुना विकास प्राधिकरण के बाबू को काम में कोताही बरतना भारी पड़ गया है। सीईओ के औचक निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने के बाद बाबू को नौकरी से हटा दिया गया है। निजी फर्म के जरिए बाबू की तैनाती की गई थी। निरंतर शिकायत मिलने पर यह कार्रवाई की गई है। उधर, प्राधिकरण में आगंतुकों को अपना विवरण अब रजिस्टर में दर्ज करना होगा। इससे काम जल्दी होगा और बाहरी व्यक्ति का प्रवेश भी रूक सकेगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने आज संपत्ति विभाग का औचक निरीक्षण किया। इस विभाग में तैनात एक बाबू की शिकायतें मिल रही थीं। सीईओ उस पटल पर भी गए। वहां एक आवंटी ने शिकायत की कि वह कई बार आ चुके हैं, मगर अब तक काम नहीं हो पाया है। इस पर नाराज सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बाबू का तत्काल हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि आवंटी शिकायत देता है तो एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। सीईओ ने प्राधिकरण में तैनात सुरक्षा कर्मियों को पुलिस के अधीन कर दिया है। वहां पर इंस्पेक्टर और कांस्टेबल तैनात रहते हैं। अब इन्हीं की देखरेख में सुरक्षा कर्मचारी काम करेंगे। प्रवेश द्वार पर अब एक रजिस्टर रखा जाएगा। इस रजिस्टर पर आगंतुकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर और आने का कारण लिखना होगा। जाते समय वह यह भी लिखेगा कि काम हुआ है या नहीं। इस रजिस्टर की औचक जांच एसीईओ करेंगे। वह क्रास चेक भी करेंगे कि काम हुआ या नहीं। इसके साथ ही आवंटियों के साथ बाहरी व्यक्ति के आने पर पाबंदी रहेगी। इसका कड़ाई से पालन होगा। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण आवंटियों की सुविधा के लिए एक और काम करने जा रहा है। रजिस्ट्रेशन शुल्क, ट्रांसफर शुल्क, पीएलसी, लीज रेंट में लिए जाने वाले पैसे की जानकारी अखबारों में प्रकाशित कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त यह जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी अपलोड होगी। इससे आवंटियों को सही जानकारी मिल सकेगी। अफसरों को शिकायत मिली थी कि प्राधिकरण के कर्मचारी ऐसे शुल्क की सही जानकारी नहीं देते हैं। इसके लिए उन्हें परेशान होना पड़ता है।