यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने दिखाई सख्ती, किसानों को मिलेगी राहत

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह किसी भी समस्या को लटका कर रखने के पक्षधर नहीं हैं। नए मामले में उन्होंने किसानों से जुड़ी परेशानी को भली-भांति जानने के बाद समस्या का निदान करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। दाअसल यमुना प्राधिकरण में भूमि खरीद की फाइलों का निस्तारण नहीं हो पाया है। यह फाइलें 9-9 माह से लटकी पड़ी हैं। यह मामला संज्ञान में आने पर सीईओ ने गंभीरता दिखाई है। उन्होंने इन मामलों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।

ऐसे में लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ  भी कार्रवाई की जाएगी। यमुना प्राधिकरण में कृषकों से सीधे भूमि खरीदी जा रही है। इसमें प्राधिकरण के अधिकारी लेट-लतीफी कर रहे हैं। किसानों की फाइलें 9-9 माह तक लटकी रहती हैं। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के पास इस प्रकार के कई मामले पहुंचे हैं। उन्होंने लैंड विभाग के अधिकारियों को तबल किया और इन मामलों में देरी का कारण पूछा। उन्होंने कहा कि किसानों की फाइलों को तय समय पर निपटाएं। अगर ऐसा किया गया तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सीईओ ने निर्णय लिया है कि इन मामलों को निपटाने के लिए वह निगरानी करेंगे। इसके लिए प्रत्येक बुधवार व शुक्रवार को इसकी समीक्षा करेंगे।

इसमें दोनों एसीईओ, ओएसडी व अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। यह समीक्षा तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई। किसान जब जमीन बेचने के लिए फाइल लगाता है तो उसे तहसील में सत्यापन के लिए भेजा जाता है। एक किसान की फाइल पिछले साल सितंबर में तहसील भेजी गई थी। वह तहसील से अप्रैल में आई। अप्रैल से यह फाइल प्राधिकरण में अटकी रही। मामला संज्ञान में आने पर सीईओ ने इस मामले को निपटा दिया। जमीन बेचने के लिए एक अन्य किसान ने तीन महीने पहले अपनी फाइल जमा की। लेकिन इस पर कोई काम नहीं हुआ। किसान इस मामले को लेकर सीईओ तक पहुंचा। सीईओ ने इस मामले को भी निपटा दिया है।