समय से पहले पूरा होगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण

चार हजार श्रमिक और 400 मशीनें समय से पहले निपटाएगी काम

ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वकांक्षी नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट का काम समय से पहले पूरा होने की उम्मीद है। दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन एयरपोर्ट साइट का निरीक्षण किया था। मुख्यमंत्री ने यमुना प्राधिकरण और नियाल के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के साथ निर्माण कार्य की प्रगति को लेकर भी चर्चा की थी। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह एयरपोर्ट निर्माण से जुड़े हर पहलुओं पर ध्यान दे रहे हैं और उनकी कोशिश है कि निर्धारित समय से पहले काम को पूरा किया जाए। एयरपोर्ट का काम समय से पहले पूरा हो इसके लिए एयरपोर्ट साइट पर मानव संसाधन और मशीनरी बढ़ाई जाएगी। अभी तक वहां 700 श्रमिक काम कर रहे हैं। अब इनकी संख्या 4000 तक पहुंचाई जाएगी।

साथ ही मशीनरी की संख्या 39 से बढ़ाकर 400 को जाएगी। ताकि जनवरी 2024 तक एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरा हो सके। इसके अलावा इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के साथ ही पीडब्ल्यूसी भी परियोजना की निगरानी करेगी।
मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दौरान एयरपोर्ट को समय से पहले पूरा करने के लिए कहा है। उनके इस आदेश पर अमल शुरू होने जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट में अभी 700 श्रमिक और 39 मशीनें लगी हुई हैं। इनके जरिए टर्मिनल बिल्डिंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल बिल्डिंग और रनवे का काम किया जा रहा है। इस काम को और तेजी से पूरा कराने के लिए अब श्रमिकों की संख्या 4000 कर दी जाएगी। इसके अलावा 400 मशीनों को लगाया जाएगा ताकि समय से पहले इस काम को पूरा किया जा सके।

एयरपोर्ट में एयरोड्रम रिफरेंस पॉइंट का निर्माण हो चुका है। जेवर एयरपोर्ट की अभी इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी निगरानी कर रही है। वह रोजाना की रिपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) को दे रही है। इसके अलावा पीडब्ल्यूसी कंपनी भी इस काम में सहयोग करेगी। वह प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप के तहत काम करेगी। यह कंपनी एनओसी समेत तमाम जरूरतों में हाथ बंटाएगी। एयरपोर्ट में पर्यावरण को लेकर के कई काम किए गए हैं। एयरपोर्ट में 11460 पेड़ों को काटने की अनुमति मिली थी। वहां पर अब तक 7000 पेड़ काटे गए हैं। इसके बदले 114560 पेड़ लगाए गए हैं। 93 पेड़ों को दूसरी जगह (ट्रांसप्लांट) लगाया गया है। जेवर एयरपोर्ट की परियोजना में 14 तालाब आए थे।

इनका एरिया 3.8 हेक्टेयर था। इसके बदले एक बड़ा तालाब बनाया गया है। 6.8 हेक्टेयर क्षेत्र में जेवर में यह तालाब बनाया गया है। एयरपोर्ट साइट में सारस और काले हिरण भी हैं। इन को संरक्षित करने के लिए भारतीय वन्य विकास संस्थान देहरादून ने योजना बनाई है। इसके तहत धनौरी वेटलैंड और उसके आसपास के एरिया को विकसित किया जाएगा। यह पूरा इलाका करीब 112 हेक्टेयर का होगा। यह ग्रीन बफर जोन होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए कंपनसेटरी कंजर्वेशन फंड बनाया गया है। इसमें यमुना प्राधिकरण पांच करोड़ रुपए देगा। इसके अलावा सीएसआर से पैसा आएगा। इसके जरिये पर्यावरण के हित के लिए काम किया जाएगा। इसको लेकर अगले महीने बैठक होगी।

डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ नियाल

जेवर एयरपोर्ट का निर्माण समय से पहले पूरा कराने के लिए कवायद शुरू हुई है। इसके लिए श्रमिकों और मशीनरी की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसकी डे टू डे निगरानी की जा रही है। उम्मीद है कि निर्माण कार्य समय से पूरा होगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ नियाल