पहले किसान फिर होम बायर्स उसके बाद रहेगा प्राधिकरण हित

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। जेपी एसोसिएट्स और जेपी इंफ्राटेक के मामले में यमुना प्राधिकरण ने किसान और होम बायर्स (खरीदारों) के हितों को सर्वोपरि रखा है। दोनों मामलों बोर्ड ने गाइड लाइन तय कर दी है। जेपी एसोसिएट्स की स्पोटर्स सिटी परियोजना में बकाये के बदले प्राधिकरण जमीन नहीं लेगा। बल्कि कहा है कि जेपी ही जमीन बेचकर उनका पैसा चुकाए। जितनी जमीन दी जानी है, पहले उतने हिस्से को बहाल किया जाएगा। इस परियोजना में जेपी को पर करीब 2700 करोड़ रुपये बकाया है। यह भी कहा है कि जेपी 75 हेक्टेयर जमीन बेचकर पहले किसानों का अतिरिक्त मुआवजे का पैसा जमा करे। दूसरे प्रस्ताव पर बोर्ड ने कहा कि जेपी इंफ्राटेक को अधिग्रहण करने वाली कंपनी को किसानों का अतिरिक्त मुआवजा देना होगा। इसके अलावा यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्री सुविधाओं में विस्तार और ट्रैपिक लोड बढ़ने पर एक्सप्रेसवे को चौड़ा करने की जिम्मेदारी भी कंपनी की होगी।

विदित हो कि प्राधिकरण ने जेपी एसोसिएट्स पर 2009-10 में 1085 हेटेयर जमीन आवंटित की थी। इसमें फामूर्ला-1 रेसिंग ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम आदि है। कुछ हिस्सा बिल्डरों को भी बेचा है। प्राधिकरण ने दस साल में 20 किस्तों में पैसा जमा की शर्त रखी थी। जेपी ने समय पर पैसा जमा नहीं किया। 2018 में कोर्ट के आदेश पर दो बार में 100 करोड़ रुपए जमा कराए थे। बकाया जमा नहीं कराने पर 2019 में इसका आवंटन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद जेपी फिर हाईकोर्ट गया। अदालत ने कहा कि पहले प्राधिकरण में 100 करोड़ रुपये जमा कराएं। इसके बाद अपनी योजना बकाया पैसा देने, खरीदारों के घर बनाने आदि की कार्ययोजना सभी से साझा करें। इस मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होनी है। जेपी के इसी प्रस्ताव पर प्राधिकरण बोर्ड ने दिशा तय कर दी है। जेपी ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि बकाया के बदले वह प्राधिकरण को जमीन देगा। उसके पास व्यावसायिक और ग्रुप हाउसिंग 75 हेक्टेयर जमीन है। प्राधिकरण ने कहा कि वह जमीन नहीं लेगा। बल्कि जेपी ही जमीन बेचकर पैसा चुकाए।

प्राधिकरण ने कहा कि पहले वह उस जमीन का आवंटन बहाल करेगा, जिसे उसको बेचना है। बहाल कराने के लिए जेपी को आवंटन के समय की कुल कीमत 10 प्रतिशत पैसा जमा कराना होगा। प्राधिकरण ने यह भी कहा कि पहले किसानों का अतिरिक्त मुआवजे पैसा दिया जाए। यह करीब 759 करोड़ है। जेपी से पैसा मिलने से जगनपुर-अफजलपुर, औरंगपुर, नौरंगपुर, बेलाकला, गुनपुरा, दनकौर, अटह्यटा गुजरान समेत 10 गांवों के किासनों को अतिरिक्त मुआवजा मिल सकेगा। जेपी ने अपने प्रस्ताव में खरीदारों की बात की है। इस परियोजना में करीब 3200 खरीदार फंसे हैं। जेपी ने कहा है कि वह अपनी जमीन बेचकर दो साल में खरीदारों को कब्जा दे देंगे। कोविड के दौरान जीरो पीरियड देने, ब्याज दर कम करने सहित कई और बिंदु शामिल हैं। इस पर भी प्राधिकरण फैसला लेगा और 12 दिसंबर को अदालत में अपना पक्ष रखेगा।