ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 3 उद्योगों पर किया जुर्माना

कूड़ा निस्तारण में लापरवाही बरतना पड़ा महंगा

ग्रेटर नोएडा। निजी संस्थानों द्वारा कूड़ा कूड़ा निस्तारण में निरंतर लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को गंभीर रूख अपना पड़ रहा है। ग्रेनो प्राधिकरण ने कूड़ा निस्तारण में कोताही बरतने पर 3 उद्योगों पर 93 हजार रुपए का जुर्माना किया है। जुर्माना राशि जमा न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्था फीडबैक फाउंडेशन की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण में कूड़ा निस्तारण में लापरवाही की बात सामने आई। मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण के निर्देश पर शहर को स्वच्छ एवं हरा-भरा बनाने का अभियान चल रहा है। विभागीय टीम नागरिकों को जागरूक करने के साथ-साथ गंदगी फैलाने पर कड़ी कार्रवाई भी कर रही है। जन-स्वास्थ्य विभाग और फीडबैक फाउंडेशन संस्था की टीम ने संयुक्त रूप से सेक्टर ईकोटेक-2 में उद्योग विहार का दौरा किया। वहां कूड़े का सही प्रकार से निस्तारण नहीं होना पाया गया। ऐसे में मोबेस इंडिया प्रा. लि. पर 51 हजार रुपए और ई-पैक प्रा. लि. व स्प्रे प्लास्ट लि. कंपनी पर 21-21 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है।

कार्रवाई के समय स्वास्थ्य विभाग के सहायक प्रबंधक वैभव नागर, निरीक्षक मोहम्मद सिबतैन आदि मौजूद रहे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत जिन संस्थानों में काफी अधिक मात्रा में कूड़ा निकालता है, उन्हें कूड़े का निस्तारण स्वयं करना होगा। 7 से 10 फीसद इनर्ट उठवाने के लिए ग्रेनो प्राधिकरण को शुल्क देना होगा। ऐसा न करने पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि कूड़ा निस्तारण न करने पर प्राधिकरण पहले भी कई संस्थानों के खिलाफ जुर्माना कर चुका है। इनमें हाउसिंग सोसायटी भी शामिल हैं।