यूपी के 40 जिलों से जोड़ा जाएगा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट समीक्षा बैठक में मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहीं यह बात

  • 2024 से शुरू होगी एयरपोर्ट संचालन की टेस्टिंग
  • अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में धन उगाही की शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई
  • यमुना प्राधिकरण के विकास कार्यों, लाजिस्टिक पार्क, वेयरहाउस निर्माण, भूमि आवंटन के साथ ही अन्य योजनाओं की समीक्षा

लखनऊ / ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की योजनाओं को सरल बनाते हुए प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने औद्योगिक क्षेत्र में ग्रुप हाउसिंग की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री नन्दी ने कहा कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट अक्तूबर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। मार्च 2024 से शुरू एयरपोर्ट संचालन की टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। इसका निर्माण कार्य तेजी से जारी रखा जाए। बुधवार को लखनऊ के पिकअप भवन में यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के विकास कार्यों, लाजिस्टिक पार्क, वेयरहाउस निर्माण, भूमि आवंटन के साथ ही अन्य योजनाओं की मंत्री नन्दी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आने वाले सभी इलाकों में समुचित विकास कराने के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास के नजरिए से यमुना अथॉरिटी उत्तर प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण प्राधिकरण है।

लखनऊ के पिकअप भवन में हुई इस बैठक में यमुना प्राधिकरण के विकास कार्यों की समीक्षा की गई है। जिसमें औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास कराए जा रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी है। जिसमें एक्सप्रेसवे और जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी के 40 जिलों से जोडऩे की योजना पर विचार किया गया है। इसके लिए एक्सप्रेसवे बनाने पर जोर दिया गया। इसके अलावा प्राधिकरण के क्षेत्र में लॉजिस्टिक पार्क, वेयर हाउस के निर्माण की स्थिति, भूमि आवंटन और इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट से औद्योगिक विकास मंत्री को अवगत करवाया गया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविंद कुमार, विशेष सचिव बीएन सिंह, सीईओ यीडा अरुणवीर सिंह, एडिशनल सीईओ मोनिका रानी आदि अधिकारी मौजूद रहे।

अतिक्रमण की कार्रवाई की मांग सूची
मंत्री ने अतिक्रमण की कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी तो अधिकारियों ने बताया कि 414 वादों में 1249 लोगों को नोटिस जारी की गई है। 209 वादों में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है। 77 लोगों पर एफआईआर हुई है। मंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि 13 लाख 18 हजार 560 वर्ग मीटर एरिया को अभी तक क्यों नहीं खाली कराया गया है। मंत्री ने कहा कि अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाए। धन उगाही की शिकायत मिली तो संबधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में बुलन्दशहर, हाथरस आदि जनपदों के कुछ गांवों को डिनोटीफाई करने का अनुरोध किया गया था। नोएडा से आगरा तक एक्सप्रेसवे से सटे हुए गांव ही यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में रहें, ऐसा प्रस्ताव है, जिसके दायरे में कुल 1188 गांव आ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि टप्पल में लाजिस्टिक पार्क परियोजना को विकसित किया जा रहा है। टप्पल नगर पंचायत घोषित हो गई है। जिसे पुन: प्राधिकरण को वापस करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। बिना एनओसी के नगर पंचायत गठित कर दी गई है। इसका डिनोटिफाई होना जरूरी है। 160 हेक्टेयर जमीन टप्पल नगर पंचायत के बाहर बची है, वहां लाजिस्टिक पार्क ला रहे हैं।

सिंतबर तक तैयार होंगे 3 स्मार्ट गांव
अधिकारियों ने बताया कि यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 29 गांवों में से तीन गांव को स्मार्ट विलेज बनाया जा रहा है। जहां अब तक 90 प्रतिशत कार्य पूरे हो गए हैं, सितंबर तक 100 प्रतिशत कार्य पूरे हो जाएंगे। स्मार्ट विलेज में कचरा निस्तारण व्यवस्था, नाला, सीवर, पेयजल आपूर्ति, बिजली, सड़क, ओपन एरिया, शैक्षिक व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था करने के साथ ही प्रत्येक गांव में सीएचसी खोलने की तैयारी है। मंत्री ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में तेजी से समुचित विकास करवाया जाए। शहर में रुके हुए कार्यों को गतिशीलता दें। वहीं, गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जाए। गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित करने के लिए उन्होंने ज्यादा जोर दिया और प्राधिकरण लेवल में बैठक करके इस पर ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

यीडा ने हासिल किए 30 करोड़
यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर ने बताया कि केंद्र सरकार ने विकास योजनाओं के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। जिसमें से 30 करोड़ रुपये यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण भारत सरकार से हासिल कर चुका है। जल्द ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।

मथुरा से 7 किलोमीटर पहले बनेगा नया ग्रीनफील्ड शहर
बैठक में बताया गया कि राया नगरीय केंद्र वृंदावन की महायोजना में बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ ग्रीनफील्ड शहर बनाने की योजना थी, लेकिन अतिक्रमण के कारण अब मथुरा से 7 किलोमीटर पहले एक नया ग्रीनफील्ड शहर बनाने का प्रस्ताव है। जिसे डेढ़ वर्ष में पूरा किया जाएगा। मंत्री नन्दी ने मथुरा की समृद्ध विरासत को इस तरह से चित्रित करने के निर्देश दिए, जो विश्व पटल पर अद्वितीय हो, यह हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है।