मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोजेक्ट : स्वदेशी कंपनियों के 17 आवेदन ओके मिले

79 आवेदनों में कमियां, सुधार के लिए 19 जुलाई तक का दिया गया समय

ग्रेटर नोएडा। मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोजेक्ट के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) को कुल 173 आवेदन मिले हैं। जांच में सिर्फ 17 आवेदन सही पाए गए हैं। जिन आवेदनों में कमियां पाई गई हैं, उन्हें दूर करने के लिए संबंधित कंपनियों को 19 जुलाई तक का समय दिया गया है। 22 जुलाई को योजना का ड्रा निकाला जाना है। इस प्रोजेक्ट में ज्यादातर स्वदेशी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। कंपनियों के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी निर्धारित की गई हैं। इन शर्तों को पूरा करना अनिवार्य किया गया है। मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोजेक्ट में आवेदनकर्ता अधिकांश कंपनियां स्वदेशी हैं।

ये कंपनियां एक्सरे, सीटी स्कैन व एमआरआई मशीन, कीमोथेरेपी से जुड़े उपकरण, एनेस्थीसिया प्लेटफार्म, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर इत्यादि का निर्माण करती हैं। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जाना है। इसके लिए साढ़े तीन सौ एकड़ भूमि रिजर्व की गई है। पहले चरण में 136 भूखंडों की योजना लॉन्च की गई है। इस योजना का ड्रा 22 जुलाई को होना है। प्रोजेक्ट में एक हजार से लेकर चार हजार वर्ग मीटर तक के भूखंड हैं। प्रोजेक्ट में 173 आवेदन आए हैं। आवेदनों की जांच के लिए समिति गठित की गई थी। समिति ने आवेदनों की जांच पूर्ण कर ली है। इसमें से 17 आवेदन सही पाए गए हैं।

जबकि 79 आवेदनों में कुछ कमियां मिली हैं। संबंधित आवेदकों को कमियां दूर करने के लिए 19 जुलाई तक का समय दिया गया है। यदि वह इन कमियों को दूर कर अपने दस्तावेज जमा कर देते हैं तो उन्हें ड्रा में शामिल कर लिया जाएगा। अन्य आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है। जांच में जो आवेदन सही पाए गए हैं, उसमें ज्यादातर स्वदेशी कंपनियां से आए हैं। कंपनियों के लिए कुछ शर्तें भी निर्धारित की गई हैं। जिनमें कंपनी के पास मेडिकल उपकरण बनाने का लाइसेंस होना, 2 साल से मेडिकल उपकरण बनाने का काम करना, 2 साल से पहले जीएसटी पंजीकरण का होना व योजना की चार श्रेणी के उपकरण बनाना अनिवार्य जैसी शर्तें हैं।

मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। भूखंड आवंटन योजना के तहत 173 आवेदन मिले थे। जांच में 17 आवेदन सही पाए गए। 79 आवेदनों में अलग-अलग कमियां मिली हैं। संबंधित आवेदकों को कमियों को दूर करने के लिए 19 जुलाई तक का समय दिया गया है। तदुपरांत 22 जुलाई को ड्रा करा दिया जाएगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना प्राधिकरण