यमुना प्राधिकरण की नई पहल, बनेगा प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क

100 एकड़ में आकार लेगा प्रोजेक्ट, आवंटित किए जाएंगे भूखंड
प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की दूरदर्शी कार्यप्रणाली काबिले तारिफ है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाओं की प्लानिंग करने में वह सबसे आगे है। इसी क्रम में यमुना प्राधिकरण ने प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित किया है। प्लास्टिक की डिमांड निरंतर बढ़ रही है। अगले 10 साल में इसकी डिमांड कई गुना बढ़ने की संभावना है। इसके मद्देनजर प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क की जरूरत महसूस की जा रही है। इस संबंध में प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रस्ताव को मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह ने स्वीकार कर सैद्धांतिक सहमति भी प्रदान कर दी है। आने वाले समय में यह प्रोजेक्ट यीडा क्षेत्र में रोजगार और निवेश को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। वभिन्न क्षेत्रों में प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इसके चलते प्लास्टिक की मांग भी बढ़ी है। कृषि, चिकित्सा, फर्नीचर, आटोमोबाइल उद्योग, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलिकॉम, पावर, रोड, पोर्ट पर कार्गाे हैंडलिग सुविधाएं मुहैया कराने में भी प्लास्टिक उत्पाद का इस्तेमाल हो रहा है।

प्लास्टिक कारोबारियों ने की मुलाकात
ऑल इंडिया प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने कुछ दिन पहले यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें अवगत कराया था कि प्लास्टिक की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखकर यीडा क्षेत्र में प्लास्टिक उद्योग के लिए योजना लाने का आग्रह किया गया था। प्लास्टिक इंडस्ट्री के कारोबारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से सफल होगा। इसके अलावा रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। नए उद्योग स्थापित होने से यमुना प्राधिकरण की भी अच्छी कमाई हो सकेगी। सीईओ ने प्लास्टिक इंडस्ट्री के कारोबारियों के प्रस्ताव को चर्चा के उपरांत सैद्धांतिक सहमति दे दी है। सेक्टर-10 में विकसित होगा प्रोजेक्ट
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-10 में प्लास्टिक प्रोसिंग पार्क विकसित किए जाने की योजना बनाई गई है। यह पार्क करीब 100 एकड़ में आकार लेगा। वहां प्लास्टिक उत्पाद से जुड़ी इकाइयों को प्राथमिकता पर भूखंड आवंटित किए जाएंगे। वैसे प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने 50 एकड़ भूमि की डिमांड की थी, मगर इकाइयों के विस्तार एवं भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखकर इस प्रोजेक्ट को 100 एकड़ में विकसित करने की प्लानिंग हुई है। भूखंड आवंटन हेतु प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन को सदस्यों की सूची और विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है। सदस्यों की संख्या एवं जरूरत को ध्यान में रखकर पार्क में भूखंडों एवं बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।

बोर्ड बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव
यमुना प्राधिकरण की अगली बोर्ड बैठक सितम्बर में प्रस्तावित है। बोर्ड बैठक के लिए तैयारियां चल रही हैं। इस बैठक में प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क की योजना का प्रस्ताव रखा जाएगा। बोर्ड से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के उपरांत भूखंड योजना लॉन्च की जाएगी। माना जाता है कि अलग-अलग आकार के भूखंड विकसित किए जाएंगे। प्लास्टिक इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि 2030 तक प्लास्टिक की डिमांड 5 से 6 गुना तक बढ़ सकती है। ऐसे में भविष्य की जरूरत को पूरा करने को नई इंडस्ट्री लगना जरूरी है। यीडा क्षेत्र में नई-नई इंडस्ट्री लग रही हैं। प्लास्टिक इंडस्ट्री भी स्थापित होने से क्षेत्र की लोकप्रियता में इजाफा हो सकेगा। यमुना प्राधिकरण के सकारात्मक रूख से प्लास्टिक कारोबारी प्रसन्न हैं।

Arunveer Singh, ceo
डॉ. अरुणवीर सिंह,
मुख्य कार्यपालक अधिकारी , यमुना प्राधिकरण

यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह को यीडा क्षेत्र में नई-नई योजनाओं को बढ़ावा देने का श्रेय जाता है। प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क योजना में भी उन्होंने काफी दिलचस्पी दिखाई है। डॉ. सिंह का कहना है कि यमुना प्राधिकरण प्लास्टिक उद्योग के लिए पार्क विकसित कर भूखंडों का आवंटन करेगा। इस पर सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है।