प्राधिकरण की सख्ती का असर जेपी बिल्डर बकाया जमा कराने को हुआ तैयार

जेपी एसोसिएट्स में यमुना प्राधिकरण में 100 करोड़ रुपए जमा करा दिए हैं। इसके साथ ही अपनी कार्य योजना भी प्रस्तुत कर दी है। इस कार्ययोजना को लेकर गुरुवार को यमुना प्राधिकरण के अफसरों के साथ बैठक हुई। बैठक में जेपी के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। जेपी एसोसिएट की ओर से बताया गया है कि वह प्राधिकरण के बकाए के बदले जमीन देगा।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। किसानों के प्रति नरम और बकायेदार बिल्डरोें के प्रति सख्त रहने वाले यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की सख्ती के आगे बड़े बड़े बिल्डर सरेंडर कर रहे हैं। बकायेदारों के खिलाफ सीईओ द्वारा कड़े निर्णय लेने का असर है कि बिल्डर बकाया जमा कर रहे हैं और जितने रकम का भुगतान करने में फिलहाल असमर्थ हैं उसके भुगतान को लेकर कार्य योजना पेश कर रहे हैं। जेपी स्पोर्ट्स सिटी परियोजना को बचाने के लिए जेपी कंपनी में यमुना प्राधिकरण में 100 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। कंपनी ने बकाया पैसा और 64.7 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा भी देने को राजी है। जेपी पर लगभग 900 करोड़ रुपये बकाया है। बकाये के भुगतान को लेकर जेपी बिल्डर ने एक कार्ययोजना पेश की है। जिसके मुताबिक बकाया रकम के बदले वह जमीन देगा।

ज्ञात हो कि यमुना प्राधिकरण ने दिसंबर 2019 में जेपी एसोसिएट्स लि. को आवंटित एक हजार हेक्टेयर जमीन का आवंटन रद कर दिया था। इस भूमि पर जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स लि. ने फामूर्ला वन सर्किट, क्रिकेट स्टेडियम समेत आवासीय परियोजना बनाई हैं। इसके अलावा अन्य बिल्डरों को भी आवासीय परियोजना के लिए जमीन बेची गई है। प्राधिकरण ने फरवरी 2020 में आवंटित भूमि पर बने ढांचे को सील कर दिया था आवंटन रद होने के खिलाफ जेपी एसोसिएट्स ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। गत 29 सितंबर को हुई सुनवाई में जेपी एसोसिएट्स की ओर से प्राधिकरण का बकाया भुगतान, घर खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव की अनुमति मांगी थी। प्राधिकरण की ओर से कहा गया कि जेपी एसोसिएट्स के प्रस्ताव पर विचार से पूर्व कम से कम उसे सौ करोड़ रुपये का प्राधिकरण के खाते में जमा करने का आदेश दिया जाए। हाइकोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को प्राधिकरण के खाते में सौ करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था।

जेपी एसोसिएट्स में यमुना प्राधिकरण में 100 करोड़ रुपए जमा करा दिए हैं। इसके साथ ही अपनी कार्य योजना भी प्रस्तुत कर दी है। इस कार्ययोजना को लेकर गुरुवार को यमुना प्राधिकरण के अफसरों के साथ बैठक हुई। बैठक में जेपी के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। जेपी एसोसिएट की ओर से बताया गया है कि वह प्राधिकरण के बकाए के बदले जमीन देगा। यह जमीन व्यवसायिक है। जेपी पर करीब 900 करोड रुपए बकाया है। इसमें अतिरिक्त मुआवजे का पैसा भी शामिल है। ब्याज दर कम करने, कोविड काल के दौरान  जीरो पीरियड देने की मांग की। कार्य योजना में जेपी एसोसिएट्स ने बताया है कि वह अधूरी हाउसिंग परियोजना को पूरा करेगा। इसके लिए जमीन बेचकर पैसा जुटाया जाएगा। परियोजना पूरी करके खरीदारों को घर दिए जाएंगे।