लकड़ी के बॉक्स में छिपाकर रखी थी 270 शराब की पेटी, हरियाणा की शराब यूपी के रास्ते जा रही थी बिहार

-16 लाख की शराब समेत दो तस्कर गिरफ्तार, मशीनरी का बनाया हुआ था फर्जी बिल

गौतमबुद्ध नगर। बिहार के लोगों की तलब मिटाने को हरियाणा से जा रही शराब से भरी गाड़ी को आबकारी विभाग की टीम ने जब्त करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। बरामद शराब की कीमत करीब 16 लाख रुपए है। तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए शराब की पेटियों को लकड़ी के बॉक्स में छिपाया हुआ था और बिल भी मशीनरी का बनाया हुआ था। जिससे कभी कहीं चेकिंग हो तो बिल दिखाकर आगे निकल सकें। उनकी यह तरकीब दिल्ली में तो काम आ गई मगर गौतमबुद्ध नगर में नहीं आई। बिहार में शराबबंदी है। बिहार के लगते यूपी में भी शराब काफी महंगी है जिसके चलते हरियाणा से शराब सप्लाई होती है। क्यूंकि हरियाणा में शराब बेहद सस्ती है बजाए के यूपी के। इसका कारण है कि यूपी में शराब पर टैक्स ज्यादा है, इसलिए हरियाणा की शराब सस्ती पड़ती है। मान लीजिए कि हरियाणा की शराब अगर 45 रुपये की है तो यूपी की शराब की कीमत 100 रुपये पड़ती है। इस तरह लगभग 55 रुपये का फायदा तस्करों को होता है।

लेकिन पिछले कुछ समय से बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए आबकारी विभाग की चौकसी ज्यादा बढ़ गई है। इधर गौतमबुद्ध नगर आबकारी विभाग तो उधर गाजियाबाद आबकारी विभाग का सख्त पहरा होने के कारण माफिया अपने मंसूबों में कामयाब नही हो पा रहे है। क्योंकि शराब माफिया को हरियाणा से शराब बिहार में भेजने के लिए गौतमबुद्ध नगर या फिर गाजियाबाद की सीमा में प्रवेश होकर ही गुजरना पड़ता है। भले ही वह दिल्ली पुलिस की आंखो में धूल झोंक कर आगे बढ़ जाए, मगर यूपी की सीमा में आते ही आबकारी विभाग की चाणक्य नीति से बचना मुश्किल हो जाता है।

दरअसल आबकारी विभाग को रविवार तड़के सूचना मिली की हरियाणा से शराब की बड़ी खेप बिहार जाने वाली है। सूचना मिलते ही आबकारी विभाग की टीम सतर्क हो गई और हाइवे पर अपना जाल बिछा दिया। मगर तस्कर भी इतने शातिर है, जब शराब से भरी गाड़ी को लेकर चलते है तो उनके आगे एक गाड़ी और चलती है, जो हर किलोमीटर पर सुरक्षा व्यवस्था का हाल बंया करती है। जब रास्ती क्लीयर का मैसेज मिलता तो गाड़ी आगे बढ़ती नहीं तो गाड़ी वहीं पर खड़ी हो जाती थी। लेकिन आबकारी विभाग की नीति के सामने शराब माफिया के सभी जुगाड़ धरे के धरे रह गए। जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया रविवार तड़के आबकारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह, आशीष पांडेय, गौरव चंद, नामवर सिंह एवं थाना नॉलेज पार्क की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर परी चौक थाना नॉलेज पार्क साइट पर एक टाटा केंटर ट्रक को चेकिंग के लिए रोका। पुलिस को देख चालक गाड़ी लेकर भागने लगा।

आबकारी विभाग की टीम ने घेराबंदी कर ट्रक को पकड़ लिया। जब गाड़ी की चेकिंग की गई तो उसमें 220 पेटी कुल 10560 बोतल (180 एमएल) मैकडॉवेल नंबर 1 और 50 पेटी (375 एमएल) मैकडॉवेल नंबर 1 हरियाणा मार्का बरामद हुआ। शराब को जब्त करते हुए शराब तस्करी कर रहे ड्राइवर ओमपाल पुत्र लोकेश एवं राजेश पुत्र सतपाल को गिरफ्तार कर संबंधित के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत थाना नॉलेज पार्क में मुकदमा दर्ज कराते हुए जेल भेजा गया। पकड़े गए तस्कर शराब से भरी पेटियों को फरीदाबाद के थोक गोदाम से लेकर बिहार लेकर जा रहे थे। बरामद माल की सप्लाई करने वाले गोदाम के मालिक, गाड़ी के मालिक एवं माल की डिलीवरी में सम्मिलित सभी के विषय पूछताछ की जा रही है। बरामद शराब की कीमत करीब 16 लाख रुपए है। पकड़े गए तस्कर इतने शातिर है कि पुलिस से बचने के लिए शराब की पेटियों को लकड़ी के बॉक्स के अंदर छिपाया हुआ था। बिल भी मशीनरी का बनाया हुआ था। फर्जी बिल के नाम पर आरोपी बिहार में शराब तस्करी कर रहे थे। अवैध शराब के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम लगातार जारी रहेगी।